Book Title: Vimal Mantri no Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 179
________________ (१७७) सोहे सिरवर जिम वेणिका; लक्ष्मी पूरी जो घर गजा, पूरे प्रासादे हुई धजा ॥१९॥ नवे खंड पूरा प्रमाण, जो सुणीये श्री तणुं वखाण; स्त्रीने सोह चमादी घणी, कहीये कट्य वेल कुल तणी॥१॥ खंड खंड मति ले निर्मली, नणतां गुणतां संपत वली; मुनि लावण्य समयची वाण, एटले नुमो खंग वखाण ॥ १३ ॥ सर्व गाथा ॥खए॥ ॥ इति श्री पंमित लावण्यसमय गणि कृते, विमल मंत्री मनोहर प्रगट प्रबंधे, नव रंग नव खंडे, स्वप्नाधिकारे; श्राफ धर्म प्रतिपती प्रासादोपदेसे, अचलेश्वरोत्पत्ती; अंबावी श्राराधन, जरडक मनापने; वाली नाह खेतलवीर मनापने, प्रासाद परिपूर्णने, प्रतिष्टा करणीय करणे, नवमं खंडे संपूर्णम् १ ॥ इति श्री विमल मंत्रि रास संपूर्णम् ॥ एं Paracanaurunaravaanane neeeeeeeeee Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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