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झलक मिलती है। भास, कालिदास, बाणभट्ट, बौद्ध वाङ्मय आदि में पट्टचित्रों का प्रभूत वर्णन मिलता है । वात्स्यायन के कामसूत्र 25 में ' आख्यान -पट' के रूप में पटचित्रों का उल्लेख मिलता है। ‘आख्यान-पट' पटचित्रों के माध्यम से सम्पूर्ण कथानक को सुबोध एवं सरल- -शैली में प्रस्तुत करने का नव्य प्रयास था ।
महाकवि भास के 'दूतवाक्यम्' नामक नाटक में चित्रपट का ललित लेख है। दुर्योधन कहता है – आनीयतां स चित्रपटो तनु यत्र द्रौपदी केशाम्बरावकर्षणमालिखितम् ।
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आगम साहित्य में अनेक स्थलों पर पट्टचित्र का उल्लेख है। भगवतीसूत्र में वस्त्र पर हंस का चित्र बनाने का उल्लेख है – धवलं कणगखचितकम्मं महरिहं हंसलक्खणपडसाहगं परिहिंति 126
वहीं पर एक जवनिका (पर्दा) का वर्णन है, जो विविध प्रकार के चित्रों से चित्रित थी। 27 ज्ञाताधर्मकथा में भी ऐसे जवणियं 28 का उल्लेख है। राजप्रश्नीय में वस्त्रचित्र का वर्णन है। सूर्याभदेव के नट (देवकुमार) विविध प्रकार के रंगों से सुशोभित विभिन्न प्रकार के वस्त्रों को धारण किए हुए थे। 29
चित्रसभा - चित्रसभा प्राचीनकाल के संपन्न परिवार के लिए गौरव का विषय होती थी । चित्रशाला, चित्रागार, चित्रालय, चित्रसदन, चित्रगृह, चित्रवीथी, चित्रशालिका, अभिलिखित वीथिका, आलेख्यगृह आदि चित्रसभा के विभिन्न नाम हैं। इन्हीं नामों से प्राचीन ग्रंथों में चित्रसभा का उल्लेख मिलता है।
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आगमसाहित्य में अनेक स्थलों पर चित्रसभा का विस्तार से वर्णन मिलता है ज्ञाताधर्मकथा के आठवें अध्ययन में मल्लदत्तकुमार के प्रमदवन में एक सुन्दर चित्रसभा के निर्माण का विस्तृत वर्णन है। मल्लकुमार चित्रकार-समूह (चित्रकारों) को बुलाकर हाव, भाव, विलास और बिम्बोक एवं रूप से रमणीय चित्रशाला का निर्माण करवाता है। चित्रकारलब्धि से परिपूर्ण चित्रकारों ने अद्भुत चित्रसभा का निर्माण किया। 30
नंदमणिकार श्रेष्ठी ने अनेक खम्भों से युक्त रसमय एवं अन्य विविध लेपों से सुशोभित चित्रसभा का निर्माण कराया । 31
प्रश्न व्याकरण में चित्रसभा का उल्लेख है। 32 राजप्रश्नीय में चित्रघरणा (चित्रगृह) का उल्लेख है। जीवाजीवाभिगम सूत्र में भी राजप्रश्नीय की तरह ही अनेक प्रकार के गृहोंमोहनगृह, मालागृह आदि के साथ 'चित्रगृह' का प्रयोग है। 34
उत्तराध्ययन में माला, गंध, धूल आदि से वासित (सुगंधित), चित्रहर (चित्रगृह) का वर्णन है। 35
चित्रकार - चित्रकार चित्र का स्वामी होता है, सृजनधर्मिता का आकर होता है।
तुलसी प्रज्ञा अप्रेल - सितम्बर, 2003
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