Book Title: Tulsi Prajna 2003 04
Author(s): Shanta Jain, Jagatram Bhattacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 22
________________ में आनन्द का अनुभव करें तथा उनमें कुछ कर दिखाने की इच्छाशक्ति हो। मानव शक्ति का अधिकाधिक मितव्ययतापूर्ण एवं प्रभावी उपयोग तभी संभव होगा। शिक्षा के क्षेत्र की आवश्यकताएँ बढ़ी हैं तथा पिछले कुछ समय से देश की मानव संसाधन की आवश्यकता और शिक्षा की उत्पादकता के बीच दूरी पाटने के प्रयास हुए हैं। विश्व बैंक की 1995 की एक रिपोर्ट में कहा गया है - शिक्षा आर्थिक विकास में दो तरह से सहयोगी है- 1. यह कौशल का अर्जन कर व्यक्ति की उत्पादकता में वृद्धि करती है तथा 2. ज्ञान का विकास करती है। इस आधार पर शिक्षा के योगदान को इसकी उत्पादकता द्वारा आकलित किया जा सकता है। यह आकलन उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति और उससे वंचित व्यक्तियों की उत्पादकता की तुलना द्वारा संभव है तथा उस पर किये गये खर्च से उसकी लागत को भी जाना जा सकता है, दूसरे शब्दों में शिक्षा पर किये गये विनियोग एवं उससे शिक्षा की सामाजिक प्राप्ति की दर का आकलन किया जा सकता है। शिक्षा की सामाजिक प्राप्तियों की दर मध्यम और कम आयवर्ग वाले देशों में ज्यादा है। सामान्य रूप से ऐसी अर्थव्यवस्था वाले देश जिनमें मूलभूत शिक्षा सभी के लिए है; में प्राथमिक शिक्षा की अपेक्षा सैकण्डरी शिक्षा की प्राप्तियों की दर अधिक है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है- उच्च शिक्षा में विनियोग आर्थिक विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है। यह विनियोग व्यक्ति की उत्पादकता और आय में वृद्धि करता है। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण बाह्य लाभ भी हैं जो उच्च शिक्षा की प्राप्तियों के विश्लेषणों में समाहित नहीं होते, जैसे- बुनियादी अनुसंधानों की दीर्घकालीन प्राप्तियाँ, प्रौद्योगिकी विकास और उनका हस्तांतरण। आर्थिक विकास जो कि उच्च शिक्षा में विनियोग का परिणाम है, विकासशील राष्ट्रों के लिए गरीबी कम करने की एक पूर्व आवश्यकता भी है। विश्व बैंक के 1994 के एक प्रतिवेदन (Perspective & Strategies for Education) में कहा गया है - उच्च शिक्षा ज्ञान के विस्तार के साथ विद्यार्थी के व्यक्तिगत एवं स्वतः विकास में भी योगदान करती है। उच्च शिक्षण संस्थाएँ विभिन्न व्यवसायों, सेवाओं में जिम्मेदार पदों वाले व्यक्तियों के लिए उच्च ज्ञान और कौशल के विकास के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। ये संस्थाएँ वैज्ञानिक और तकनीकी नवीन ज्ञान, शोध एवं प्रशिक्षण द्वारा विकसित करती है तथा विश्व में अन्यत्र ज्ञान के विस्तार, ग्रहण और हस्तांतरण में सहयोग करती है। अतएव ये बुनियादी शोध, तकनीकी विकास और हस्तांतरण उच्च शिक्षा की प्राप्तियों को पूर्णरूपेण प्रतिबिम्बित करते हैं। वस्तुतः तो उच्च शिक्षा की प्राप्तियाँ उसके आकलन से कहीं अधिक हैं तथा बहुत संभव है कि उच्च शिक्षा का विकास में योगदान प्रौद्योगिकी से भी कहीं अधिक मान लिया जाये। 1995 को एक अन्य प्रतिवेदन में यह कहा गया है कि प्राय: सभी देशों में शिक्षा के किसी भी स्तर पर किये गये विनियोग की प्राप्तियाँ तुलसी प्रज्ञा अप्रेल-सितम्बर, 2003 - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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