Book Title: Tulsi Prajna 1995 04
Author(s): Parmeshwar Solanki
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 74
________________ ट्रीजन मुकदमा इस बात का प्रमाण है कि रंगभेद के विरूद्ध रंग, जाति आदि के भेद से ऊपर उठकर दक्षिण अफ्रीका के लोगों ने कार्य किया । दिसम्बर १९५६ में डॉ० नेलसन मंडेला समेत १५६ व्यक्तियों को फ्रीडम चार्टर को आधार बनाकर गिरफ्तार किया गया, व इस बात का अभियोग दायर किया कि ये लोग साम्यवादी व्यवस्था को स्थापित करना चाहते हैं, जो कि राष्ट्रदोह के समान माना गया । इस अवसर पर उदारवादी ईसाई व अन्य लोगों ने मिलकर जोहंसवर्ग के विशप की अध्यक्षता में एक सहायता कोष की स्थापना की। कई महीनों की सुनवाई के बाद ६१ व्यक्तियों को अभियोग मुक्त किया गया और अप्रेल १९५९ तक केवल ३० व्यक्तियों को दोषयुक्त मानकर मुकदमा चलाया गया जो कि लगभग साढ़े चार साल चला । मार्च १९६१ में लम्बी अवधि की सुनवाई के बाद उनको भी दोषमुक्त कर दिया गया । इस नैतिक विजय से ए. एन. सी. के कार्यक्रम में और गति आई । परन्तु इसके परिणाम स्वरूप रंगभेद समर्थक सरकार का दमनकारी चक्र और तेज हुआ मार्च २१, १९६० को पेन अफ्रिकनिस्ट कांग्रेस के नेता रोबर्ट सोबुक्वे ने परिचय पत्र की आवश्यकता के विरोध में एक प्रदर्शन का नेतृत्व किया । इनको अन्य लोगों के साथ ओरलांडो में गिरफ्तार किया गया। यहां से ३५ कि. मी. दूर शर्पावेले में हजारों व्यक्ति परिचय-पत्र को जलाने के अहिंसक प्रतिकार को प्रदर्शित करने हेतु पुलिस स्टेशन पर एकत्र हुए । पश्चिम देशों के पत्रकारों ने अपने संवादों में लिखा था आंदोलनकारी पूर्णरूप से अहिंसक तथा शान्त थे । इनके ऊपर गोलियों के ७०० राऊण्ड चलाये जिससे ६९ अफ्रीकी मारे गए व १८० घायल हो गये । इनमें स्त्रियां व बच्चे भी थे । ऐसी ही घटना वहां से लगभग एक हजार मील दूर लांघा में भी दोहराई गई । इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप पूरे देश में दंगें, प्रदर्शन, बंद आदि हुए । दक्षिण अफ्रीका में आपात स्थिति की घोषणा की गई। ए. एन. सी. व पेन अफ्रीकानिस्ट कांग्रेस ऑफ अजनया पर प्रतिबन्ध लगाया गया लगभग २०,००० व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया गया । इस घटना के कारण पूरे विश्व में रंगभेद के विरुद्ध वातावरण का निर्माण हुआ । अहिंसक प्रतिरोध की इस सफलता को देखते हुए आगे भी ऐसे कार्यक्रमों को चलाने का निर्णय लिया गया । का नेता चुना गया, मार्च १९६१ में डॉ. नेलसन मंडेला को नेशनल एक्शन कौंसिल जिनका कार्य सरकार विरोधी कार्यक्रम को संचालित करना था । मई १९६१ में अफ्रीकियों के लिए नये राज्य की मांग के साथ नेलसन मंडेला हड़ताल का आह्वान किया, जिसमें भारतीयों समेत प्रायः पूरे देश ने भाग लिया । इस हड़ताल को नृशंसतापूर्वक दबाने का प्रयास किया गया । इसको देखते हुए जून १९६७ में अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस की नीतियों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन करने के निर्णय लिए गये, जिसमें ए. एन. सी. के अहिंसक कार्यक्रम को संचालित करने के लिए एक विशेष समूह की स्थापना की गई जिसमें वाटर सिसलू, रूथ फस्ट, "जो" स्लोवो, डेनिस गोल्डबर्ग, हेरोल्ड बारूप व अहमद कथराड़ा जैसे महत्त्वपूर्ण नेता शामिल थे । खण्ड २१, अंक १ Jain Education International For Private & Personal Use Only ६९ www.jainelibrary.org

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