________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
-
श्रीगणेशायनमः।.
करावादीनसह सानी लिरव्यते॥
-
-
।
मुकदमह मशभर ऊपरतीन॥
फसलोंके अर्थातइसस्थानकी आदि में तीन॥
फसलहे
पहलीफसल जरूरनी औषधीयोंकी क्रियाओरदुरुस्ती चारोंहालें। में ईश्वरनें ऐसी जिदवनाई है कैगरमी के संगरखुश कीऔरतरीके संगसरदीपट्टी नही होसकती सौर इन चारोंकाएकरवलपातकीयाहै गरमी औरख प्रकी में करता औरतरीचौर सरदी में कर्मइनदोनों पराकमोंके बिना किसीएककावलमालूमनहींहोस कताअर्थातजवनाईकर्ममौजूदनहाय तवताईकर, नाकी क्रियाकिसकीम हायता से जाहिरहोसके इ सकारण निश्च होता है के सौषधी दोहांला में मौजूद हें गरमी के संगेनरी तथारवुपकी कैमंग
-
-
-
For Private and Personal Use Only