Book Title: Thanangsuttam and Samvayangsuttam Part 3 Tika
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 763
________________ धूवे नंदण नंदा नगरमाणं ६७४ पञ्चमं परिशिष्टम् शब्द सूत्राङ्कः शब्दः सूत्राङ्कः धम्मचिंता १० [१] १४८, पृ. ४५१ पं. ११ धम्मज्झए १५८, पृ. ४७९ पं. २ धूमप्पभा १८ [१] धम्मत्थिकाए १४९ पृ. ४५२ पं. ६ ३५, ९८ धम्मत्थिकाय नंदणकूडवजा ११३ धम्मदय १ [२] नंदणवण धम्मदेसएणं १ [२] १५७, पृ. ४६४ पं. १६ धम्मनायग १ [२] नंदावत्तं १४७, पृ. ४४७ पं. १४ धम्ममित्त १५७, पृ. ४६५ पं. ६; नंदिघोसं १० [४] पृ. ४६७ पं. २ नंदिफले १९ [१] धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टि १ [२] नंदियावत्तं १६ [३] धम्मसारहि १ [२] नंदिसेणं १५८, पृ. ४७४ पं. ९ धम्मसीह १५५, पृ. ४६७ पं. २; नंदी ५२ पृ. ४६५ पं. ६ नक्खत्त ९८; १०० धम्मसेण १५८, पृ. ४७३, पं. ४ नक्खत्तमासा धम्मायरिया १४१, पृ. ४३९ पं. २, नक्खत्ता ७[२]; <[२]; १० [२] १४२, पृ. ४४० पं. १५; नगरनिवेसं १४३, पृ. ४४१ पं. १७ १४४, पृ. ४४२ पं. १४; नई १४६, पृ. ४४५ पं. ९; नदई ३० [१], पृ. ३८२ पं. ६ १५८, पृ. ४७३ पं. ५, नदं ३०[१], पृ. ३८२ पं. ६ पृ. ४७३, पं. ९; पृ. ४८० पं.३ नंदतं ३० [१], पृ. ३८१ पं. ४ धर १५७, पृ. ४६४ पं. ५, १५८, पृ. ४७५ नपुंसकवेद २६[१] पं. ४ नमि ३९; ४१ धरण ३२ [१]; ४४ नमिपव्वजा १५७, पृ. ४६९ पं. ४ ३० [१], पृ. ३८१ पं. १७ धरणितल ११ [२]; ३१ [१] ११८; १२३ नरय धरणिधरा १५७, पृ. ४६९ पं. ४ नरगगमण १४६, पृ. ४४५ पं. ९ धाउपागं नरयविभत्ती २३ [१] धायइसंड ६८; ८५; १२७ नरवती १५८, पृ. ४७२ पं. ७ धायईरुक्ख १५७, पृ. ४६८ पं. ३ नरवसहा १५८, पृ. ४७२ पं. ७ धारणि १५७, पृ. ४६९ पं. ४ नरसीहा १५८, पृ. ४७२ पं. ७ धारेति नरिंद १२[३]; १५८, पृ. ४७२ पं. ७ धितिधणियबद्धकच्छ १४६, पृ. ४४६ पं. ६ नरिंदुत्तरवडेंसगं १२[३] धितिमती ३२ [१] नरिंदोकंतं १२[३] धीरपुरिस १५८, पृ. ४७१ पं. १३ नलिणं १७[३]; १८[३] धुतं ९ [१] नलिणगुम्म १८[३] धुवराहू २५ [१] ९[१] धरणि नयवं नव Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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