Book Title: Thanangsuttam and Samvayangsuttam Part 3 Tika
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 848
________________ समवायाने ५ गीयं ६ वाइयं ७ सरगयं ८ पुक्खर गयं ९ समताल १० जूयं ११ जणवायं १२ पोरेकव्वं १३ अट्ठावयं १४ दगमडियं १५ अण्णविि १६ पाणविहिं १७ लेणविहिं १८ सयण विहिं १९ अज्जं २० पहेलिय २१ मागहियं २२ गाहं २३ सिलोग २४ गंधजुत्ति २५ मधुसित्यं २६ आभरणविहिं २७ तरुणीपडिक २८ इत्थीलक्खणं २९ पुरिस लक्खणं ३० हयलक्खणं ३१ गयलक्खणं ३२ गोणलक्खणं ३३ कुक्कुडलक्खर्णं ३४ मिंढयलक्खणं ३५ चक्कलक्खणं ३६ छत्तलक्खणं ३७ दंडलक्खणं ३८ असिलक्खणं ३९ मणिलक्खणं ४० काकणिलक्खणं ४१ चम्मलक्खणं Jain Education International कतिपयानि विशिष्टानि टिप्पणानि ज्ञाताधर्मकथाङ्गे गीयं वाइयं सरगयं पोक्खर गयं समतालं जूयं जणवायं पासयं अट्ठावयं पोरेकव्यं दगमट्टिय अविि पाणविहिं वत्थविहिं विलेवणविहिं सण विहिं अज्जं पहेलियं माहिय गा गीयं सिलोयं हिरण्णजुति सुवणजुति चुण्णजुत्तिं आभरण विहिं तरुणी पडकम्मं इथिलक्खणं पुरिस लक्खणं हयलक्खणं जयलक्खणं गोलक्खणं कुक्कुडलक्खणं छत्तलक्खणं दंडलक्खणं असिलक्खणं मणिलक्खणं औपपाति गीयं वाइयं सरगयं पुक्खरयं समतालं जूयं जणवार्य पासकं अट्ठावयं पोरेकच्च दगमट्टिय अण्णविहिं पाणविहिं वत्थविहिं विलेवणविहिं विि अज्जं पहेलिय मागहियं गाहं गीइयं सिलोयं हिरण्णजुत्ती सुवणजुती गंधजुत्ती चुण्णजुत्ती आभरणविहिं तरुणीपडिक मं इथिलक्खणं पुरिस लक्खणं हलवणं गयलक्खणं गोलक्खणं कुक्कुडलक्खणं चक्कलक्खणं छत्तलक्खणं चम्मलक्खणं For Private & Personal Use Only राजनी गीयं वाइयं सरगयं पुक्खर गयं समतालं जयं जणवयं पासगं अट्ठावयं पोरेकव्वं दगमट्टियं अन्नविहिं पाणविहि वत्थविहिं विलेवणविहि सण विहिं अज्जं पहेलिय माहियं णिद्दाइयं गाहं गीइयं सिलोगं हिरण्णजुत्तिं सुवण्णजुत्तिं आभरणविहि तरुणीपडिकम्मं इथिलक्खणं पुरिस लक्खणं हयलक्खणं गयलक्खणं कुक्कुडलक्खणं छत्तलक्खणं चक्कलक्खणं दंडलक्खणं असिलक्खणं मणिलक्खणं ७५९ www.jainelibrary.org

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