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आते हैं? इसके बाद एक विस्तृत सारणी के रूप में स्वप्न - समीक्षा प्रस्तुत की है कि स्वप्न क्या आया ? उसका फलादेश क्या होगा ? स्वप्न से लाटरी का कौन - सा अंक बनता है ? स्वप्नों से अंक बनाने के अनेकों उदाहरण भी दिये गये हैं । स्वप्नांक तो आप इसी पुस्तक से समझ जायेंगे । आप यदि लाटरी खेलते हैं तो उस क्षेत्र से सम्भवतः इस विधि के द्वारा लाभ प्राप्त कर लेंगे ।
स्वप्न समीक्षांक के विषय में पुस्तक के आन्तरिक पृष्ठों में बहुत कुछ कहा है फिर भी कुछ बातें हैं जो कि समझनी अनिवार्य हैं । कृपया ध्यान दें
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स्वप्न में लीला के भेद होते हैं । इसमें प्रथम लीला तो उसे कहेंगे जिसमें व्यक्ति आ रहा है । व्यक्ति को कोई चीज मिल रही है या व्यक्ति कुछ प्राप्त कर रहा है । दूसरी लीला में व्यक्ति जाता है, उसका कुछ खोता है, वह कुछ फेंक देता है या किसी को कुछ दे देता है ।
इस प्रकार यह स्पष्ट होता है कि स्वप्न धन (+) और ऋण (-) के सिद्धान्त पर चलते हैं। जोड़ना और घटाना ही गणित का विषय है । प्रथम लीला के स्वप्नांक धन (+) होते हैं और दूसरी लीला के स्वप्नांक घटते (-) हैं । प्रायः धनांक के अंक अगले दिन के लाटरी में खेले जाते हैं जबकि ऋणांक के अंक दूसरे दिन आते हैं, परन्तु ऋण करके धनांक में भी खेला जाता है । स्वप्न में अगर कुछ मिला हो तो यह मिलने वाली चीज प्रमुख अंक बनती है जैसे कि पर्स मिलना, बस पर चढ़ना, छत पर जाना, पर्वत पर चढ़ना, सम्मान मिलना, खरीदना आदि । कहने का अभिप्राय यह है कि हो सकता है कि स्वप्न लम्बा हो और उसमें कईं क्रियायें हों तो क्रिया का प्रमुख उद्देश्य ही अंक होगा या प्रमुख क्रिया ही अंक बनती है। जैसे कि छत पर आदमी गया तो आठ खुलेगा, गोद में शिशु आया तो चार खुलेगा, तीन औरतें होंगी तो तीन खुलेगा ।