Book Title: Swapna Siddhant
Author(s): Yogiraj Yashpal
Publisher: Randhir Prakashan

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Page 31
________________ [30] एक और विचित्र व दुर्लभ प्रयोग प्रस्तुत है शेह के दो काँटे मँगायें । जंगली सूअर का एक दाँत लें । इनके ऊपर आगे कहा गया मन्त्र एक लाख बत्तीस हजार बार जप लें। इसके बाद प्रतिदिन एक माला जपते रहें तो कान में उत्तर प्राप्त होता है। मन्त्र निम्नलिखित है ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं नूं ठं ठं नमो देव पुत्री स्वर्ग निवासिनी, सर्व नर-नारी मुख वार्तालि वार्ता कथय सप्त समुद्रान्दर्शय दर्शय ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं नीं ठं ठं हुँ फट् स्वाहा।। अब हनुमान जी का एक प्रयोग प्रस्तुत है एक फुट का लाल चन्दन का टुकड़ा लेकर उसके ऊपर हनुमान जी की प्रतिमा खुदवायें। इस प्रतिमा में हनुमान जी की प्राण-प्रतिष्ठा करें। प्राण-प्रतिष्ठा के अभाव में सुपाड़ी पर लाल धागा लपेट कर प्रतिमा के पास रख दें। इस प्रतिमा का पंचोपचार से पूजन करें। सिंदूर अर्पित करें व प्रसाद के रूप में गुड़ का चूरमा रखें। यह प्रसाद सारा दिन प्रतिमा के समक्ष रखा रहे। __ अगले दिन इसे उठाकर नवीन प्रसाद चढ़ा दें। यदि आपकी जन्मकुण्डली में छठा भाव खाली हो और पाँचवा भी खाली हो तो यह पुराना प्रसाद पृथ्वी में दबा दें। यदि भाव में ग्रह या ग्रहों का प्रभाव हो तो यह प्रसाद किसी भिखारी को दान कर दें। रात्रि के समय प्रतिमा के समक्ष शुद्ध घृत का दीपक जलाकर लाल चन्दन की माला पर आगे कहा गया मन्त्र ग्यारह सौ बार जपें । साधनाकाल में पवित्र व स्वच्छ रहें। लाल वस्त्र धारण करें। ऐसा करने पर साधकों ने

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