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4.स्वप्न गणित
प्राय: सभी लोग स्वप्न देखते हैं । सुषुप्तावस्था में जब स्वप्न क्रिय चल रही होती है तब हमारी चेतना कार्यरत नहीं होती। इस पर भी हा स्वप्न-लोक में स्वप्नीले संसार का आनन्द लूटते हैं। पिछले दिनों तव स्वप्न केवल भविष्य विषयक ही माने जाते थे पर धीरे-धीरे जनमानस उन्नति की और स्वप्न को एक नये दृष्टिकोण से देखना प्रारम्भ किया। में पास आकर अनेक लोगों ने विचित्र बातें बताईं तो मुझे यह महसूस हुआ कि स्वप्न गणित की कहीं पर भी चर्चा नहीं है। पिछले कई वर्षों से इ विषय को समझने का प्रयास कर रहा था और यह तो नहीं कहता कि य प्रयास पूर्ण हुआ पर हाँ यह अवश्य स्वीकार करूँगा कि प्रस्तुत पुस्तक प कार्य हो पाया और इस पुस्तक के द्वारा मैं स्वप्न विषयक ग्रन्थों में एक नय अध्याय जोड़ रहा हूँ जिसे कि स्वप गणित के नाम से जाना जायेगा।
अब पहली बार मैं यह भी घोषणा करता हूँ कि स्वप केवल स्वप्न है। नहीं होते उनमें भाग्यशाली अंकों का रहस्य छुपा रहता है जो कि दृष्टा के धन लाभ करवाते हैं।
आजकल लाटरी का बहुत बोलबाला है। ज्यादातर खिलाड़ अन्तिम अंक पर भाग्य आजमाते हैं। यह बिल्कुल आवश्यक नहीं है कि सभी लोगों के स्वप्न अंक के सूचक हों पर खिलाड़ी इसके आधार पर अवश्य खेलते हैं और प्राय: जीतते हैं। ___सपनों का अपना एक निजी विज्ञान है और ऐसी ही उसकी विशेषत व मौलिकता होती है । स्वप में कभी-कभी एक ही प्रमुख भाव होता है जैसे कि रेत ही रेत । परिणामस्वरूप दो दिन तीन खुलता रहा। इसके विपरीत कभी-कभी स्वप्न एक चलचित्र की तरह अनेक भाव संग्रह किये रहते हैं। एक व्यक्ति ने स्वप्न में देखा कि दिन का समय है और सामने वीरान मार्ग है