Book Title: Swapna Siddhant
Author(s): Yogiraj Yashpal
Publisher: Randhir Prakashan

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Page 20
________________ 2. स्वप्न - समीक्षा स्वप्न - समीक्षा में स्वप्नों के द्वारा भविष्य के संकेत भी कहे जाते हैं जो कि अत्यधिक मूल्यवान व संग्रही होते हैं। अक्टूबर के मास में मुझे एक स्वप्न आया कि जगदम्बा बता रही हैं कि तुम्हारे एक मित्र की दुर्घटना होने जा रही है । वह गम्भीर होकर बच जायेगा पर तुम्हारी माता जा रही है । यह तीसरे प्रहर का स्वप्न था। तीसरे दिन एक मित्र की दुर्घटना हुई और वह गम्भीर स्थिति में जा पहुँचा । कुछ दिनों के बाद वह ठीक-ठाक हो गया । स्वप्न के फल मिलने की भी अवधि हुआ करती है जिसे आप इस प्रकार से समझें रात्रि के प्रथम पहर का स्वप्न 12 मास में, रात्रि के दूसरे प्रहर का स्वप्न 6 मास में, रात्रि के तीसरे प्रहर का स्वप्न 3 मास में, रात्रि के चौथे प्रहर का स्वप्न 1 मास में, सूर्योदय के समय का स्वप्न 10 दिन में, और दिन के समय का स्वप्न तत्त्काल फल देता है । इसे मैं प्राकृतिक नियम कहूँगा। अक्टूबर मास में मुझे स्वप्न सन्देश प्राप्त हुआ और दिसम्बर मास में माताश्री ने महाप्रयाण किया । यह स्वप्न तीन मास पूर्ण करके फल दिखा गया । परम पूजनीय माता जी का स्वर्गवास हो गया । केवल इस आधार पर ही नहीं बल्कि अनेकों ऐसे उदाहरण हैं कि जिन्हें बहुमूल्य कहा जायेगा । श्री गुप्ता जी को एक रात्रि में स्वप्न हुए और उनमें उन्हें एक का अंक दिखता रहा । उन्होंने समझदारी का प्रयोग करके लाटरी ली और जिनके

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