Book Title: Swapna Siddhant
Author(s): Yogiraj Yashpal
Publisher: Randhir Prakashan

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Page 26
________________ [25] चिन्ता स्वप्नों की अधिकता है, उसी प्रकार संवेदनात्मक स्वप्नों की भी कमी नहीं है । अब स्वप्नों का वर्गीकरण करते हैं1.चिन्ता स्वप्न (Anxiety Dreams) 2.भावी स्वप्न (Prophetic Dreams) 3. सामूहिक स्वप्न (Collective Dreams) 4. आवर्तक स्वप्न (Recurrent Dreams) 5. मृत्यु स्वप्न (Dreams of the Dead) 6. गति संवेदनात्मक स्वप्न (Kinethetic Dreams) ___यदि इन्हें पारिभाषिक स्वरूप से व्यक्त करना पड़े तो इस प्रकार से कहा जायेगा कि ऐसे स्वप जिनके कारण स्वप दृष्टा भयभीत होकर जगे, चिन्ता उत्पन्न करे, शस्त्रों के प्रहार सहकर जगे, भूत-प्रेतादि के कारण डरकर जगे तो चिन्ता स्वप्न कहलाते हैं। कभी-कभी भूले-भटके ही एक से अधिक लोग एक ही प्रकार का स्वप्न देखते हैं। ऐसे स्वप सामूहिक स्वप्न कहलाते हैं। कभी-कभी किसी व्यक्ति को एक ही प्रकार का स्वप्न बार-बार दिखाई देता है। इसे आवर्तक स्वप्न कहते हैं। स्वप्न अपनी या किसी व्यक्ति की मृत्यु देखना ही मृत्यु स्वप्न कहलाते हैं । गति संवेदनात्मक स्वप्न उन्हें कहते हैं जिनमें स्वप्न दृष्टा उड़ना, भागना, गिरना आदि प्रकार के स्वप्न देखता है । भावी स्वप्न उन्हें कहते हैं जिनके द्वारा भविष्य का ज्ञान होता है ।

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