Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth Author(s): Bhadreshkumar Jain Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai View full book textPage 6
________________ दुगड़ - मेटुपालयम, श्री भंवरलालजी सुराणा -- मेटुपालयम, श्री इन्दरचन्दजी मेहता - साहुकारपेठ, श्री सम्पतराजजी गुन्देचा - टी.नगर, श्री प्यारेलालजी गुन्देचा - टी.नगर, श्री मांगीलालजी कोठारी - आलन्दूर, श्री किशनलालजी बेताला – साहुकारपेठ, श्री शोभाचन्दजी इन्दरचंदजी कोठारी - ऊटी, श्री पुखराजजी ज्ञानचंदजी मुणोत - ताम्वरम, श्री मोहनलालजी गौतमचन्दजी चौरड़िया - मैलापूर, श्री मदनलालजी उत्तमचन्दजी गोठी - टी.नगर, श्री रिखबचन्दजी लोढ़ा-साहूकारपेठ, श्री कुशलराजजी दिलीपकुमार जी सिसोदिया - बैंगलोर के भी हम अत्यन्त आभारी हैं, जिनके सहयोग से यह ग्रन्थ साकार रूप ले सका। आशा ही नहीं अपितु विश्वास है कि भविष्य में भी आप सभी का सहयोग यथावत् बना रहेगा। हम श्री एस.एस. जैन संघ माम्बलम के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों के भी आभारी हैं कि जिन्होंने अपना पूर्ण सहयोग हमें प्रदान किया तथा इस पावन प्रसंग पर एक भव्य महोत्सव आयोजित कर उसमें इस ग्रन्थ का विमोचन कर रहे हैं। ___ अंत में हम इस ग्रंथ के प्रकाशन में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से, तन-मन-धन से जिनका भी हार्दिक सहयोग प्राप्त हुआ है, उन सभी को शतशः धन्यवाद ज्ञापित करते हुए यह विशाल ग्रन्थ पाठकों के कर कमलों में अर्पित कर रहे हैं ताकि वे अपने ज्ञान में और मौलिक अभिवृद्धि कर सकें। श्री भीकमचन्द गादिया, मंत्री श्री सुमनमुनि दीक्षा-स्वर्ण-जयन्ति अभिनन्दन समारोह समिति - डॉ. एम. उत्तमचन्द गोठी, B.E., M.I.E., Ph.D. मंत्री, भगवान महावीर स्वाध्याय पीठ, श्री एस.एस. जैन संघ, __ जैन स्थानक, ४६, वर्किट रोड़, टी.नगर, माम्वलम्, चेन्नै-६०० ०१७ . परस्परोपग्रहो जीवानाम् । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 690