Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai

View full book text
Previous | Next

Page 5
________________ प्रकाशकीय परम श्रद्धेय, प्रज्ञामहर्षि, श्रमणसंघीय सलाहकार मंत्री मुनिश्री सुमन कुमार जी म.सा. के पचासवें दीक्षा वर्ष - प्रवेश के उपलक्ष में “साधना का महायात्री : श्री सुमनमुनि" अभिनन्दनात्मक ग्रन्थ पाठकों के करकमलों में प्रेषित करते हुए हमें अपार प्रसन्नतानुभव हो रहा है। “श्री भगवान महावीर स्वाध्याय पीठ" की स्थापना-परम-श्रद्धेय गुरुदेव श्री सुमनमुनि जी म.सा. के ५८वें जन्म-दिवसोपलक्ष में एवं माम्बलम के नवनिर्मित जैन स्थानक के उद्घाटन के शुभ प्रसंग पर दि. २६ जनवरी १६६३ को पूज्य गुरुदेव श्री की सन्निधि एवं श्री युत भीकमचंद जी गादिया की प्रबल प्रेरणा के फल स्वरूप हुई थी। श्री भगवान महावीर स्वाध्याय पीठ का मूल उद्देश्य है - भावी पीढ़ी में धार्मिक संस्कारों का बीजारोपण, धार्मिक शिक्षण शिविरों का आयोजन, धार्मिक पठन-पाठन की सामग्री प्रकाशित करवाकर शिक्षार्थियों - स्वाध्यायियों को निःशुल्क वितरित करना। इस संस्थान द्वारा अद्यावधि तक १५ पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका हैं। ११ धार्मिक शिक्षण-शिविर आयोजित किये जा चुके हैं। साप्ताहिक धार्मिक कक्षाएं भी सुनियोजित हैं। यह परम श्रद्धेय गुरुदेव श्री की सत्कृपा का ही सुफल है। भारतवर्ष के कोने कोने से पाठक गण स्वाध्याय पीठ की निःशुल्क पुस्तकों को मंगवाकर धार्मिक ज्ञानार्जन का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। स्वाध्याय से ज्ञान-अभिवृद्धि और शिविरों से धार्मिक संस्कारों की सभी के जीवन में उपलब्धि हो - यही हमारी शुभेच्छा एवं मंगलकामना है। पूज्य गुरुदेव श्री द्वारा जैन समाज को प्रदत्त उनकी अनमोल सेवाओं के प्रति यह ग्रन्थ एक गौरवाभिनन्दन है। “साधना का महायात्री : श्री सुमनमुनि” ग्रंथ के प्रधान संपादक - श्री युत भद्रेशकुमार जी जैन (एम.ए.,पी.एच.डी.) एवं संयोजक श्री युत दुलीचंद जी जैन (साहित्यरत्न, साहित्यालंकार) के हृदय से आभारी हैं कि इनके अथक परिश्रम के फलस्वरूप यह कार्य समय पर सुसम्पन्न हो सका। श्री सुमनमुनि दीक्षा-स्वर्ण-जयन्ति अभिनन्दन समारोह समिति, चेन्नई के समस्त पदाधिकारियों, सदस्यों एवं सहयोगियों को अनेकानेक धन्यवाद प्रदान करते हैं कि जिनके सहयोग से यह ग्रंथ प्रकाशित हो सका। समस्त आर्थिक सहयोग प्रदाताओं (जिनके चित्र एवं परिचय ग्रंथ के परिशिष्ट विभाग में मुद्रित हैं) सर्वश्री श्री सोहनलालजी कांकरिया - सेलम, श्री भंवरलालजी सांखला - मेटुपालयम, श्री भीकमचन्दजी गादिया - टी.नगर, श्री सुमेरमलजी लूणावत - साहूकारपेठ, श्री लूणकरणजी सेठिया - साहूकारपेठ, श्री जवाहरलालजी वागमार – कोंडीतोप, श्री हरीशकुमारजी उदयकुमारजी मेहता - टी.नगर, श्री अमृतलालजी सिंघवी - टी.नगर, श्री इन्दरचन्दजी गादिया - कोयम्बत्तूर, श्री पारसमलजी नाहर - टी.नगर, श्री हनुमानमलजी नाहर – मेटुपालयम, श्री सुदर्शनलालजी पीपाडा - कुन्नूर, श्री चम्पालालजी तातेड़ - साहूकारपेठ, श्री मीठालालजी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 690