Book Title: Sanskar Bhaskar
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Page 490
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatirth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandie द्रोगंधर्वपंचप्रजापतिचरुणाषट्स्रवंचोदपात्रे // 1 // शेषैःविष्टनवाज्याहुतिमनहवन / प्रोक्षणीसंस्रवंतत्प्राश्यंशेषसमाप्यंअथवरवधूमूर्धन्यषिंचोदपात्रात् // स्तेस्था लिपाकंहुनितमपिवधूंप्राशयित्वावरेणकर्मादौमंगलासारचितक्रमणि कासर्वसंस्का रमाला // 2 // इति // // ततोवरोवध्वासहवधूपितृगृहेमंगस्नात्वाऽहतपट्टकूला दिवाससीपरिधायधृतकुंकुमतिलकोवेद्यांशुभासनेउपविश्यदक्षिणतःपत्नींचोपवे श्य // आचम्यप्राणानायम्यदेशकाल कीर्तनांदेनमास्याभार्यायाः सोमगंधारयुप भक्तदोषपरिहारद्वाराश्रीपरमेश्वरप्रीतपथाववाहैकदेशत्वाच्चतुर्थीकहिंकरिष्ये // र पिर्विघ्नतार्थगणपतिपजपास्मरणंकुर्यात् // तत्रगृहाभ्यंतरतोनिमुपसमाधाय / स्थांडलचिमूसस्कारपूर्वकंविवाहाग्निंप्रतिष्ठाप्य // ततोदक्षिणतोब्रह्मासनादिप्र वाणीतास्थापनानंतरंप्रणीतोत्तरतउदपात्रंप्रतिष्ठाप्य // आज्यं // स्थालीपाका URURUNGmGmRORRORROR For Private and Personal Use Only

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