Book Title: Sanskar Bhaskar
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Page 511
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कार // 28 // OROACROA0000000000000 तवस्त्रेणसंवेष्टयंतथाकार्पासतंतुभिः // गंधपुष्पैःसमभ्यर्चतल्लिंगैरभिषिच्यतं // गुडौ भास्कर. दनंतुनैवेद्यंतांबूलंचसमर्पयेत् // व्यासः॥ अर्कीप्रदक्षिणंकुर्वन्जपेन्मंत्रमिमंबुधः॥ ममप्रीतिकरायेयंत्खयासृष्टापुरातनी // अर्कजाब्रह्मणासृष्टाअस्माकंपरिरक्षतु // // 1 // पुनःप्रदक्षिणंकृत्वमंत्रेणानेनमंत्रवित् // // नमस्तेमंगलेदेविनमःसवितु / रात्मजे // त्राहिमांकृपयादेविपनत्विंमेइहागता // अकित्वंब्रह्मणासृष्टासर्वप्राणिहि तायच // वृक्षाणामादिभूतात्वंदेवानांप्रीतिवधिनी // तृतीयोहाहजंपापंमृत्युचाशु ? निवारय // ततश्चकन्यावरणात्रिपुरुषकुलमुच्चरेत् // आदित्यःसविताचार्कःपुत्री ? पौत्रीप्रपौत्रिका // गोत्रंकाश्यपइत्युक्तंलोकेलौकिकमाचरेत्॥अन्यच्च ॥वरःकश्यप, गोत्रश्चेत्तदाचार्यःस्वपूर्वजान् // उच्चरेन्ममपुत्रीतिस्वगोत्रैःसहतद्विधिः॥ // व्या // 28 // सः॥सुमुहूर्तेौनिरीक्ष्यस्वस्तिसूक्तमुदीरयेत् // आशिषश्चततःकुर्यादाचार्यप्रमुखै / 000-00-ORGAAAAAS For Private and Personal Use Only

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