Book Title: Sanskar Bhaskar
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Page 517
________________ Si Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatrth.org Acharya Siri Kailassagersuri Gyanmandir भास्कर संस्कार- दानाचार्यःदेशकालौस्मृत्वाअर्कीविवाहार्थमागतंवरंमधुपर्केणार्चयिष्येइतिसंकल्प // 287| पूर्वकस्वशाखोक्तविधिनावरायमधुपर्कपूजांसमर्पयेत् // ततोवरःस्थंडिलेपंचभूसं / स्कारपूर्वकमग्निंप्रतिष्ठाप्य ॥अर्कीवरांतरालेअंतःपटंधृत्वाकर्माचार्यादिब्राह्मणैर्मग लपद्याष्टकंपठित्वाप्रतिष्ठेत्युक्त्वाउत्तरतःअंतःपटनिःसार्य ॥आचायाँदिब्राह्मणाः स्वस्तिनइंद्रेतिमंगलसूक्तंपठेयुः॥ततोजरांगच्छेतिअक्य॒वासोपरिधाय्य ॥याऽअर्क तन्नत्यत्तरीयं // समंजंत्वितिअर्कीनिरीक्ष्य // यदाबध्ननितिमंत्रेणमांगल्यतंतंबनी। यात् // ततोगायत्र्याहत्सामेनपरित्वेत्यनुवाकेनवाअर्कीवरयोःसूत्रमावेष्टय // ततोदानाचार्यउदङ्मुखउपविश्यदेशकालौस्मृत्वाश्रीपरमेश्वरप्रीतयेअर्कीकन्या | दानंकरिष्ये॥वरहस्तेशिवाआपःसंत्वित्यादिकृत्वा॥ वरस्यगोत्रोचारः॥अमुकगोत्र // 28 // स्यअमुकप्रवरस्यअमुकशर्मणःप्रपौत्राय // अ० गो० अ०प्र० अ० श० पौत्राया। 20000000000 For Private and Personal Use Only

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