Book Title: Sanskar Bhaskar
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit संस्कार कपूर्णानजलींस्त्रीन्समर्पयेत् // तत्रमंत्राः // ॐ यज्ञोमेकामःसमृध्यताम् // इतिप्रभास्कर थमांजलिः // ॐ धर्मोमेकामःसमृध्यताम् // इतिद्वितीयां० // ॐ यशोमेकामः | 1288 // समृध्यताम् // इतितृतीयां० // ततोर्किगुल्मेपरिवेत्यनुवाकेनवेष्टितंसूत्रनिष्कास्य | पंचगुणंकृत्वातत्रहरिद्राखंडंबड्डातत्कंकणंहत्सामेतिमंत्रणअर्कीदक्षिणशाखायां / बनीयात् // तत्रमंत्रः॥ ॐ बृहत्सामनक्षत्रमृद्गृदृष्टयंत्रिष्टुभौजशुभितमुग्रवीरं / इंद्रस्तोमेनपंचदशेनमध्यमिदंवातनुसगरेणरक्ष // 1 // इतिमंत्रेणकंकणंबधीयात् // ततोर्कीदिग्विदिक्षुकृताष्टदलेषुमहीद्यौरित्यादिक्रमेणाष्टौकुंभान्संस्थाप्य // केचि 1 अंजलिदानंमयूखदर्पणयोरुक्तंकमलाकरधर्मसिंध्यादौनोक्तम् // 2 धर्मसिंधौवरस्यापिकंकण ? बंधनमुक्तकमलाकरादिभिरर्कस्यैवोक्तम् // 3 धर्मसिंधुकमलाकरमतेचतुःकुंभस्थापनमयूरवशांतिसा | // 288 // हादर्पणेषुअष्टकुंभस्थापनमुक्तम् // Sococcedeomoeomoebeoe GiOOOD For Private and Personal Use Only

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