Book Title: Sanskar Bhaskar
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कार // 281 // 200000000000 न्योहाह्या // पुनर्भूदोषाभावस्तुविधानखंडे // स्वर्णदुपिप्पलानांचप्रतिमाविष्णुरू भास्कर पिणी // तयासहविवाहेतुपुनर्भूत्वंनजायते // सूर्यारुणसंवादे // विवाहापूर्वकाले हैं। हात / स्नानंसचेलातलंधसंस्थाप्यविधिवत्तत्रद्रुप्रतिमांयजेत्॥मधुपकोदिकंदत्वा विवर्जयेन्मंगलतोब्दमेकं // 1 नेणकुंभेनसहचोदहेत् // सूत्रेणवेष्टयेत्पश्चाद्दशतं त्रापवादः // तीर्थसंवत्सरेप्रेतेपितृयज्ञेमहालदिरे // ततःकुंभचनिःसार्यप्रभज्यसलि सदेति // ॥मासषटुंविवाहादौव्रतप्रारंभणेपिच गेलंकारवसाव्यांवरायणतियात मार्जनीतथेति // // श्मश्रुकरणे // ऊध्वविवाहात्पुत्ररएकांतेविष्णुमंदिरंगत्वा / आत्मनोमुंडनंचैववर्षवर्षार्धमेवच // त्रिमासंवात्रिपक्षवानकुपामीर्तनानंतकन्या कन्यागृहेभोजननिषेधः // भविष्ये // अप्रजायांतुकन्यायांन जात वैधव्यारिrean दौहित्रस्यमुखंदृष्ट्वाकिमर्थमनुशोचति // नभुंजीतेत्यत्रकन्यागृहेइतिशेषः 'तिजा For Private and Personal Use Only

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