Book Title: Sanskar Bhaskar
Author(s):
Publisher:
View full book text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दिवसहीनेतथाविषमेतुपंचमेसप्तमेचाहनिदिवसेमंडपोहासनंदेवकोत्थापनसन्छुभ फलदातृस्यात् इतिमूहूर्तचिंतामणोपीयूषधारायां // उक्तदिनेवरवधूसहि स्वस्व हेवरपितावधूपिताचस्वदक्षिणतः पत्न्यासहशुभासनेप्राङ्मुखउपविश्य // आचम्य / प्राणानायम्यदेशकालोसंकीर्यममगृहेषसुषट्सुमासेषुशोभःप्राप्त्यर्थविवाहांग भूतंदेवकोत्थापनमंडपोहासनाख्यंकर्मकरिष्ये ॥तटविहितंगणपतिपूजनंस्वस्ति / पुण्याहवाचनंचकरिष्येइतिकृत्वा // स्वस्तिनभोब्राह्मणाःमयाक्रियमाणयोःदे || वकोत्थापनमंडपोद्वासनाख्यकर्मणोऽज्याहंभवंतोत्रुवंतु // ॐपुण्याहं॥ एवंकल्या : स्विस्तिश्रियंइति स्थापितदेवतानांपंचोपचारैरुत्तरपूजनंकार्यं // उ तिष्ठमणस्पायातुमातृगणाइतिमंत्रणस्थापितदेवताःविसृज्य॥ ॐ उत्तिष्ठब्रह्मण / / हस्पतेदेवयन्तस्त्वेमहे // उपप्रय॑न्तुमुरुतंन्सुदानवऽइन्द्रप्राशर्भवासा // 1 // यांतु उन्टवल For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530