Book Title: Sanskar Bhaskar
Author(s):
Publisher:
View full book text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir NOORDCORG राआदित्यपुराणेच // अप्रजायांतुकन्यायांनाश्नीयात्कन्यकागृहे // जलादावाहा मादिवि धिनाकन्यांदत्वाश्नीयात्कदाचन॥अथ जीतमोहाच्चेत्सयातिनरकंघर्ष विवाहविधिनादातुंयोग्यांकन्यांदत्वाकदापितस्याःगृहेनैवानीमादित्यथः ॥शाकल। कारिकास्वपि // दुहित्रन्नंनभुजीयाद्यावत्तस्याभवेत्सुतः // अन्यायस्तुमुजाता हानतस्यवृथाभवेत् // कन्यायास्त्वप्रसूतायाय नभुजतयाद // अवसकवलमु। क्तिप्राजापत्यनशुध्यताति // अथवरस्योपरिधागवाजापा वल्क्येन // परिवेतृत्वपाए मृतभायत्वजायत / तदापपारहाराथप्राजापा तथा॥ चांद्राचैकअनेकेहिगुणंचरेत् // एकेएकभार्यामरणेइदंप्राय / / श्चित्तं // अनकअनेकभार्यामरणेतुएतत्प्रायश्चित्तंहिगुणंचरेदित्यर्थः॥गणेशपूजयेदा || दौपुण्याहवाचयद्विजैः // दुर्गाग्निविष्णुप्रतिमाःस्थापयेत्पूजयेत्ततः // त्रिभिस्तुदेव / 000000 For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530