Book Title: Sanskar Bhaskar
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Page 488
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatrth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शास्त्रोक्तशुभकालेवरः पित्रादत्तांवधूगृहीत्वायानेउपविश्यमंगलवाद्यघोषपुरःसरंमं / गलगीतपठनपरैः पुरंध्रीजनैराचार्यादिविप्रैःआनोभद्राःस्वस्तिन इन्द्रइतिसुमंगलम् / क्तपठनपरैश्वसहस्वगृहमागत्यगृहमध्येशुभासनेप्राङ्मुखउपविश्यबदक्षिणतःवधूं शनिवेश्य // देशकालौस्मृत्वाअस्याःममनवोढाभार्यायाः प्रशनगृहप्रवेशंकरिष्ये ॥त || दंगविहितंगणपतिपूजनंस्वस्तिपुण्याहवाचनंचकरिष्यातेकृत्वा // ततआचारप्राप्तं ? कांस्यपात्रेतंदुलान्प्रसार्यतदुपरिसुवर्णशलाकपाश्रीकुलदेवताप्रयुक्तमादौअमुकीइ तिनामविलिख्यमनोजतिरितिप्रतियश्रीश्चतेइतिमंत्रेणषोडशोपचारैःसंपूज्य // कगदाथाकुलाचारकर्यात् / / ततोवरेणनामवाचनपुरःसरंवध्वानामप्रतिष्ठितंकुर्या / त्॥ श्राकुलदपताप्रयुक्तमादौअमुकनामप्रतिष्ठितंइतित्रिर्वाचयित्वा // ब्राह्मणाःम ? नोजूतिरितिमंत्रंपठित्वावधूशिरसिमंत्राक्षतान्दद्युः ॥ब्राह्मणेभ्योगंधतांबूलदक्षिणा 200AAAAAAAAA0 beco For Private and Personal Use Only

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