Book Title: Sammati Tark Prakaran Part 01
Author(s): Siddhasen Divakarsuri, Abhaydevsuri
Publisher: Motisha Lalbaug Jain Trust

Previous | Next

Page 26
________________ पृष्ठांकः विषयः | पृष्ठांकः विषयः 356 भिन्न सन्तान के स्वीकार में प्रात्मसिद्धि | 369 सुषुप्ति में विज्ञानाभाव साधक प्रमाण नहीं है 357 कार्य-कारणभावमूलक एकसंतानता की | 369 सुषुप्ति में विज्ञानसाधक प्रमाण समीक्षा | | 370 'मुझे कुछ पता नहीं चला' यह स्मरण अनु३५७ उपादान-उपादेयभाव में दो विकल्प भंव-साधक है 358 बौद्धमत में उपा० उपा० भाव में चार विकल्प 371 अन्यधर्मी में प्रतिसाधन की व्याप्ति के अग्र३५६ उपादान-सहकारी कारणविभाग कैसे ? हण की शंका 359 स्वगतविशेषाधानस्वरूप उपादान के दो ३७१क्षणिकत्वप्याप्ति निश्चय की भी असिद्धि विकल्प __-समाधान 360 सकलविशेषाधान द्वितीय विकल्प के तीन दोष 372 सत्त्व और प्रतिसंधान हेतुद्वय में विशेषता 360 एक काल में अनेक संतान मानने में प्रापत्ति 372 सत्त्वहेतु और अनुसंधानहेतु में समानता 361 सकलविशेषांधानपक्ष में सहकारिकथा विलोप -अन्यमत 361 प्राग्भावमात्रस्वरूप कारणता के दो विकल्प | 373 प्रमातृनियतत्व और एककर्तृकत्व एक नहीं है 362 कल्पितधर्मों से एकत्व अखंडित रहने पर | 373 एककर्तृकत्व की प्रतिसंधान में एकात्मसिद्धि ! सिद्धि 363 समनन्तरप्रत्यय को उपादान नहीं कह सकते 374 प्रमातृनियम एककर्तृ कत्वमूलक ही सिद्ध 363 आंशिकसमानतापक्ष में आपत्ति होता है 364 दैशिक आनन्तर्य उ० उ० भाव में अघटित / 375 परलोक के शरीर में विज्ञानसंचार की उपपत्ति 364 स्वसंतति में ज्ञानस्फुरण से उपादान-नियम | 376 पूर्वोत्तरजन्म में एक अनुगत कार्मणशरीर अशक्य की सिद्धि 365 ज्ञान में ज्ञानपूर्वकता का नियम नहीं . | 377 पूर्वापरभावों में कार्य-कारणता न होने पर -नास्तिक शून्यापत्ति 365 सदृश-तादृश विवेक अल्पज्ञ नहीं कर सकता 378 भविष्यकालीन जन्मान्तर में प्रमाण -नास्तिक 378 सत्त्व अथक्रियाकारित्वरूप नहीं है 366 समानजातीय से उत्पत्ति का नियम नहीं 376 आगमसिद्धता होने पर अनुमान व्यर्थ नहीं -नास्तिक 366 उत्तरकालीन स्मृति से सुषुप्ति में विज्ञान 380 प्रात्मा और कर्मफलसम्बन्ध में आगम प्रमाण सिद्धि अशक्य नास्तिक परलोकवाद समाप्त 367 सुषुप्ति में विज्ञान मान लेने पर भी व्यापार 381 ईश्वरकत त्ववादिपूर्वपक्षः विशेषाभाव 367 जनकत्वादिधर्मों की काल्पनिकता कैसे 381 ईश्वर जगत का कर्ता है-पूर्वपक्ष -नास्तिक 381 नैयायिक के सामने कतत्वप्रतिपक्षी युक्तियाँ 368 नास्तिकप्रयुक्त दूषण जैन मत में नहीं है 382 अनुमान से ईश्वरसिद्धि अशक्य उत्तरपक्ष 382 आगम से ईश्वरसिद्धि अशक्य 368 कार्यत्वाभ्युपगमकारणधर्मानुविधानमूलक है | 383 पूर्वपक्षी की युक्तियों का आलोचन 369 विवेककौशल का अभाव अधिकाराभाव का | 383 पृथ्वी आदि में कार्यत्व असिद्ध नहीं सूचक | 384 हेतु में असिद्धिदोष की शंका का समाधान होता

Loading...

Page Navigation
1 ... 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 ... 696