Book Title: Samdhikavya Samucchaya
Author(s): R M Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 21
________________ १२ संधिकाव्य-समुच्चय पा० १७७ (२) छे. तेना परथी आ संधि संपादित करेल छे. प्रतिनु लेखन वर्ष सं. १३९२ (ई.स. १३३६) छे. B. हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमन्दिर, पाटणनी कागळनी प्रति नं. ३२०२ परथी पाठांतरो लील छे. आ प्रतिना परिचय माटे जुओ संधि १० नो प्रति परिचय. संधि - १३ A. ला. द. विद्यामंदिर, पुण्यविजय संग्रहनी प्रति नं. १२८६ परिचय माटे जुआ संधि नं. ११. B. ला द. विद्यामंदिर, पुण्यविजय संग्रहनी प्रति नं. १८३५, २६४३.११ से. मी. मापना २ पत्रोमा एक आ संघ ज लखेल छे. लेखन - समय अनुमाने १७ मी सदी. अंतमां 'श्रा. सोभी - पठनार्थमलेखि श्री उदयनं देसूरि-शिष्येण' ए वाक्यथी प्रत धरावनार अने लखावनारनी माहिती आपी छे. संधि - १४ A ला. द. विद्यामन्दिर, पुण्यविजय संग्रहनी कागळनी प्रति नं. २८४१. पत्र - ४ थी ४६. संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश अने प्राचीन गुजरातीनी ५१ लघु वृतिओ आ गुटकामां छे. पत्रांक २३ पर लेखन संवत १४७३ ( ई. स. १४१७) लखेल छे. पत्र ४३-४४ उपर भावना संधि अने पत्र ४२-४३ पर शील संधि लखायेल छे. B. ला. द. विद्यामंदिर, पुण्यविजय संग्रहनी कागळनी प्रति नं. ३६९७, पत्र- ३, २६×११. ३ से. मी. मापनां, अनुमाने १६ मा शतकमां महिशानक (महेसाणा ) मां लखायेल आ प्रतिमां एक आ संधि न छे. संधि - १५ A. ला. द. विद्यामंदिर, पुण्यविजय संग्रहनी प्रति नं. १२८६. [जुओ संघ - ११ ना प्रतिपरिचयमां. B. उपरोक्त संग्रहनी नं.-२८४१ नी प्रति जुओ संधि- १४ ना प्रति-परिचयमां. संधि - १६-१७ आनी नकल श्री अगरचंदनी नाहटाए, बिकानेरना अभय जैन ग्रंथालयनी प्रतिओ परथी करेली: प्रति-परिचय नोंवेल नथी. संधि- १८ A. श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिर, पाटणनी कागळनी प्रति नं. ९०३४ २६११ से. मी. मापना २ पत्रमां एक ज संधि लखायेल छे. अंत आ प्रमाणे छे. ॥ इति तपः संधिः समाप्ताः ॥ छ ॥ स . १५०५ वर्षे ॥ ॥ श्री तपस्स ंधि लिखिता देवकुले श्री तपापक्षे कृतमस्ति ।। आ उपरथी जणाय छे के वि.सं. १५०५ (ई.स. १४४९) लेखन संवत के. B. उपरोक्त ज्ञानमंदिरनी ज कामळनी प्रति, नं. ९०३५. २६×११ सें. मी. मापना २ पत्रोमा आ संधि ज छे. आनो लेखन समय अनुमाने १६ मी शताब्दो गणाय. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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