Book Title: Samdhikavya Samucchaya
Author(s): R M Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 148
________________ १२३ खजूरय ११.५.५ (खजूरक) कानखजूरो खर ४.११.५ खरो, खरेखरो खल २.१०.४ खोळ (खली, दे० ना० कहण लग्ग १२.८ २३ कहेवा लाग्या, हिं० कहने लगे काउसग्ग १.६.२ (कायोत्सर्ग) शरीरनी निश्च लता सायेनु ध्यान [जैन. परि.] काढ-१९.५.८ (कर्ष) काढवू काणि १.३.५ लज्जा, संकोच कारु २.१३.७ (कारु। कारीगर कासिय १०२.४ काशिक, काशी देशनो कासु १.१२.४ (कस्य) कोनु किडु११.६.८, किद्धउ १२.६.३ (कृतम्) कीधु, कयु किमु १८.४.१९ (किम्) केम कियाणउं ४.७.९ (क्रयानकम्) करियाणु किरि १७.१.३ (किल, प्रा० किर) खरे किरिय १०.४.४ क्रिया । किरियाणग १२.१.५ (क्रयानक) करियाणु किल १०.२.४ मनुष्य-जाति-विशेष किसउ १३.६.४ (किदृशम्) केवु, हिं• कैसा । किसिय १२ २.१९ (किदृशी) शी, हिं० कैसी कील १०.२.१३ (कैल) खीलो कुंच १०.२.६ क्रौञ्च, मनुष्य-जाति-विशेष कुडंग ५.६.५ झाडी। कुडी १९.९.१० (कुटिला) कूट, कपटी कुमर १.८.५ (कुमार) कुंवर कुलख १०.२.५ मनुष्य-जाति-विशेष कुहाडी १४.४.८ (कुठारी) कुहाडी कुहेडय १९.९.११ (कुहेटक) कोयडो कूडउ २०.३.७ (कूट) कूडु केकइय १०.२.६ (कैकय) मनुष्य-जाति-विशेष केकय-देशीय केरउ ५.४.२ (-सम्बन्धिन्. -सत्क) केरु' (अप०, प्रा. व्या० ४२२.२०) खंदग ३.११.५ (स्कन्दक) मुनि-विशेष खधरा २.१६.१ (कन्धर) खांध खपण १२.१.१९ (लाउ-छन) खांपण, खोड खल्ल १२.४.८ (उपानह) जोडां खस १०.२.४ खासी, मनुष्य-जाति-विशेष खाइय-दसण २.१९.८ (क्षायिक-दर्शन ) खायग-सम्म-दिहि ३.१.८ (क्षायिकसम्यक-दृष्टि) कर्मक्षयथी प्राप्त सम्यग दर्शन [जै० परि०] खाल ९.३.३४ खाळ खित्त २.७.१ क्षेत्र खोरी १.१०.८ (झरेयी) खीर खुडहडिया १४ ५.४ नाळियेरनु कोपरूं ? खुडुक्क-३.६.११ (शल्याय-) खटकवु, म. खुडकणे [प्रा० व्या० ४.३९५] खुड्डाग ८.१.६ (क्षुल्लक) नानु, हलकु खुंट २०.१.१० माथाभारे माणस ? खूण ४.९. ४(क्षण) न्यूनता खेल्लण ३.९.२ (क्रीडनक) रमकईं हिं० खिलौना गउडी ६.५.१० (गौडी) गौड-देशीय स्त्री गंजणकर १२.६.२७ (गञ्जनकर) हलकु पाडनार गंधीय १७.१.२ (गान्धिक) गांधी गछ १७.२.१ (गच्छ) गच्छ गज्जर १४.४.५ (गृञ्जन) गाजर गड्डा १४.३.६ (गर्ता) खाडो, हिं० गड्ढा. . गड्डुय ३ २.६ (शकट) गाडु गणण-मेल १८.१.२० (गणना-मेल) गणत रीनो मेळ गहिली ९.३ ३९ गहिलिआ ९.४.५ (ग्रहिल+ई) घेली गुडिय १२.८.२३ गुड्यु, घोडा व ने कवचथी सन्ज कर्या गुड्ड १०.२.३ गौड, मनुष्य-जाति विशेष Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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