Book Title: Samdhikavya Samucchaya
Author(s): R M Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 150
________________ जणद्दण ३.१३.१ जनार्दन जणेर ५.११.७ ( जनयितृ) जनक जप्ताहल १०.२.३० यात्राफल जम्मण १४.४.१९ जन्म जवण १०.२.३ यवन, मनुष्य जाति - विशेष जां लगि २० २.४ ( यावत् ) ज्यां लगी जायव ३.१२.११ यादव जिम ४.२.५ ( जिम् = भुज् ) जमवु जिय ८.१.१ जीव जीइ १५.३.९ ( यया) जेणे जीम- ११३.८ जीमाव - ११.२.९ दृष्टव्य- 'जिम' जुङ ११.८ १५ (असत्य) जुट्ठ, हिं० झूठ जेमण ४.२.६ (भोजन) जमण जोडिय ३.१०.२ (योजित ) जोड्यु - जोडेल जोहार - २.१६.४ ( नमस्कृ) जुहारवु, हिं० जुहारना जोहार २.१८. १ (नमस्कार) जुहार झं पण १२.१.१९ ( आक्रमण ) आक्रमक झणण - ६.५.६ ( वा० ) झणहणवु झरहरझर - ४.१०.९ ( वा०) झरहर झलक्किर ५.१.५ (दिप्त ) झळकतु झलहल - १२.९.२७ (जाज्वल ) झळहळवु झवाल १.१३.१९ आटोप १ झामिय २.१८.९ ( दग्ध) बळेल झिल्ल - १२.९.१२ नहावु झूर- ३.६.४ ( खिद् ) झूरवु [प्रा० व्या० १२५ ४.१३२] टंक ४.१५.५ (टङक) खडकाळ भौंय टंक १४.४.१० टांकणु [दे० ना० ४.४] टगमग १.१२.८, ३.४.११ टगर टगर टल- २.५.७, ४.७.१२, २०.२.५ टळवु टलवल- ४१०.५ टळवळं ठाव ३.५.६, ३.८.९ (स्थान, वै०सं० स्थाम) ठाम, ठेकाणु Jain Education International डंभ १४.३.१९ (दाह) डाम डाल १०.२.२१ (शाखा) डाळ, हिं० डाल डुंब १२.५.२४ (डोम्ब) चंडाल, हिं० डोम डुंबिय १२.५.३४ एक प्रकारनो साप डुड्ड १०.२.३ मनुष्य जाति विशेष डोल - १३.१०.२ ( दोलय् ) डोलं डोहलअ ४. ३.४ ( दोहद) दोहलो [ प्रा० व्या० १.२१९] ढँक १४.५.९ ( वायस) कागडो ढाल- ३.११.१ ढाळं ढाल १२.४.४ गति, प्रकृति [तुल० गु० ढाळ] दुक्क- २.४.६ ( ढौक) द्वकबुं दुलहुलदुल २.१३.३, ३.६.६ (वा० ) ases दुलिअ १२.५.३२ ढोळाईने ढोअ - ४.७.४,४.७.१३ ( ढौक्) वहन कर, हिं० ढोना ढोयणीआ ४.७४, ४.७.१३ उपहार, भेट तइज्जअ ३.२.१० तृतीय तंबग १२.९.२९ (वाद्य - विशेष) बाळु तंबोलिय २.१६.३ (ताम्बूलिक) तंबोळी तक्खणि १३.१३. ४ ( तत्क्षणे ) ते समये तच्छ- १५.२-११ ( तभ ) त्रोफवु, छोलवुौं, [प्रा० व्या० ४.१९४] तडफड १४.५.९ तडफडवु तडयड- १४.५.१० (वा० ) तड तड अवाज करवो तणउ ३.५.८, १२.६.१२, तणु ५.९.११ (- सत्क, सम्बन्धिन) [अप०, प्रा० व्या० ४२२.२०] तणुं तलार १२.३.१७ ( नगर- रक्षक) कोटवाळ तल्लिच्छअ १५.२.४, १९.४.७ तत्पर [दे० ना० ५.३ ] ताड- १९.५.५ अग्निमां नाख के छांटवु, होम ? For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162