Book Title: Samdhikavya Samucchaya
Author(s): R M Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 152
________________ नवकार १०.५.२५ (नमस्कार) मंत्र-विशेष, नवकार [जैन०-परि०] नवि १०.१.१२ (न अपि) नव, नहीं हल्लिहण ४.१२.२ (नखोल्लेखन १) नख कापवा नालिय २.१६.३ (नालिक) कोईक नीचो व्यवसाय करनार, नाळी नालेर १४.५.४ (नालिकेर) नाळियेर निअत्ति १२.३.२२ निवृत्ति नितु ४.८.१०, ११.९.१२ (नित्य) नित निप्पट्ट ४.१२.४ केवळ, संपूर्ण, हिं. नीपट निरुतउ १.५.१ निश्चित [प्रा. निरुत्त, दे० ना० ४.३०] निलुक्क २.११.५ (निलीन) छुपायेल, हिं० लुका हुआ निस्सम १.१५.११, ३.९.१० (निःसम) असाधारण नीइ-वमिउ १२.९.५ (नीति-वान्त) नीति-रहित नीहर ६.१.१५ (निर + सू) नीकळधुं नेत्तपट्ट ४.४.७, ४.६.७ नित्रपट्ट ) वस्त्र विशेष नो देय ७.१.२१ (नो-इन्द्रिय) मन [जै० परि०] न्हाविअ २.११.९ (नापित) नाई पइठाविअ ६.४.१३ (प्रतिष्ठापित) प्रतिष्ठा करी पक्कणिय १०.२.३ अनार्य-देशीय मनुष्य जाति-विशेष पक्वरिय १२.८.२६ (संनद्ध) कवचथी। सज्ज करेल पखि १३.१.५ पक्षे पच्छल ९.३.१५ पाछळ पट्टेसुय ४.१२.४ (पट्टाङशुक) रेशमी वस्त्र विशेष पट्ट-हीर २१५.८ हीरनु वस्त्र पडि- २.१५.८ वस्त्र - विशेष पडिख- २.३.२ (प्रति+ ईक्ष ) प्रतीक्षा करवी पडिछंद ९.३.१२ (प्रतिच्छन्द) मुख ? पट्टोल १.४ ३ (पट्टकुल) पटोलु पत्तल २.९.२ पातळु [दे० ना० ६.१४] पन्नत्ति-विजजा ६.२.६ प्रज्ञप्ति विद्या पन्नवणाउपंग १५.१.१२ (प्रज्ञापना उपाङ्ग) आगमिक-ग्रंथ-विशेष पयक्खिण १६.४.१ प्रदक्षिणा पय-वक्क-माण १७.४.२ (पद-वाक्य-मान) न्यायशास्त्र पराणिअ २.१७.४ (प्राप्त) पहाच्यु पलित्त ५.१०.३ (प्रदिप्स) तुल. गु० पलितो पलुट्ट- १.११.६ (परि + अस) नीचे पडवं (प्रा० व्या० ४.२०० पलोट्ट-) पल्लंकि ११.१.२० पालक नो भाजी पबयणह माय १०.४.९ (प्रवचन-माता) पांच समिति अते त्रण गुप्तिरूप धर्म (जै० परि०) पसर ३.४.७ प्रभात पसुमेह जन्न १०.२.२७ पशुमेध यज्ञ पहिल १२.८.२० (प्रथम) पहेलु हिं. पहिला पहुच-१८.१.१२ पहुच्च ४.१३.५ पहुच्च २.१७२ (प्र +भू) पहोचवु, हिं० पहुचना पहूत १७.२.२, पहुतअ ९.१.१८ (प्रभूत) पहोंच्यु पाइक २.८.४ (पादातिक) पायक, पायदळ्नो सिपाई पाउल १.१३.८, ३.८.१०, ४.६.११ (पापकुल, पा.स.म) राजसेवामा रहेल कनिष्ठ अनुचर पाडय १२.३८ (पाटक) पाडो, महोल्लो पायछित्त १२.४.२६ प्रायश्चित पारण २ १.१ (पारण) पारणु पारस १०.२.४ (पारस) जाति विशेष, पारसी पासंड ३.१०.९ (पाखण्ड) व्रत पाहण १.१२.७ पाषाण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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