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करते हुए अन्य को अनुमति देता हूँ मन से, वचन से १३, मैं कर्म को न करता हूँ न कराता हूँ मन से, काय से १४, मैं कर्म को न करता हूँ न करते हुए अन्य को अनुमति देता हूँ मन से, काय से १५, मैं कर्म को न कराता हूँ न करते हुए अन्य को अनुमति देता हूँ मन से, काय से १६, मैं कर्म को न करता हूँ न कराता हूँ वचन से, काय से १७, मैं कर्म को न करता हूँ न करते हुए अन्य को अनुमति देता हूँ वचन से, काय से १८, मैं कर्म को न कराता हूँ न करते हुए अन्य को अनुमति देता हूँ वचन से, काय से १९, मैं कर्म को न करता हूँ न कराता हूँ मन से २०, मैं कर्म को न करता हूँ न करते हुए अन्य को अनुमति देता हूँ मन से २१, मैं कर्म को न कराता हूँ न करते हुए अन्य को अनुमति देता हूँ मन से २२, मैं कर्म को न करता हूँ न कराता हूँ त्रचन से २३, मैं कर्म को न करता हूँ न करते हुए अन्य को अनुमति देता हूँ वचन से २४, मैं कर्म को न कराता हूँ न करते हुए अन्य को अनुमति देता हूँ वचन से २५, मैं कर्म को न करता हूँ न कराता हूँ काय से २६, मैं कर्म को न करता हूँ न करते हुए अन्य को अनुमति देता हूँ काय से २७, मैं कर्म को न कराता हूँ न करते हुए अन्य को अनुमति देता हूँ काय से २८, मैं कर्म को न कराता हूँ मन से, वचन से, काय से २९, मैं कर्म को न कराता हूँ मन से, वचन से, काय से ३०, मैं कर्म को करते हुए अन्य को अनुमति नहीं देता हूँ मन से, वचन से, काय से ३१, मैं कर्म को न करता हूँ मन से, वचन से ३२, मैं कर्म को न करता हूँ मन से, वचन से ३३, मैं करते हुए अन्य को अनुमति नहीं देता हूँ मन से, वचन से ३४, मैं कर्म को न करता हूँ मन से, काय से ३५, मैं कर्म को न कराता हूँ मन से, काय से ३६, मैं करते हुए अन्य को अनुमति नहीं देता हूँ मन से, काय से ३७, मैं कर्म को नहीं करता हूँ वचन से, काय से ३८, मैं कर्म को नहीं कराता हूँ वचन से, काय से ३९, मैं कर्म को करते हुए अन्य को अनुमति नहीं देता हूँ वचन से काय से ४०, मैं कर्म को न करता हूँ मन से ४१, मैं कर्म को नहीं कराता हूँ मन से ४२, मैं करते हुए अन्य को अनुमति नहीं देता हूँ मन से ४३, मैं कर्म को न करता हूँ वचन से ४४, मैं कर्म को नहीं कराता हूँ वचन से ४५, मैं करते हुए अन्य को अनुमति नहीं देता हूँ वचन से ४६, मैं कर्म को न करता हूँ काय से ४७, मैं कर्म को नहीं कराता काय से ४८, मैं करते हुए अन्य को अनुमति नहीं देता हूँ काय से ४९ ।
आर्याछन्द मोहविलासविजृम्भितमिदमुदयत्कर्मसकलमालोच्य।
आत्मनि चैतन्यात्मनि निष्कर्मणि नित्यमात्मना वर्ते ।। २२६ ।।
समयसार
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