Book Title: Rajasthan Jain Sangh Sirohi Sankshipta Report
Author(s): Pukhraj Singhi
Publisher: Pukhraj Singhi

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Page 12
________________ संक्षिप्त रिपोर्ट राजस्थान जैन संघ, सिरोही की स्थापना सन् 1956 में होने के पश्चात् देलवाड़ा जैन श्वेताम्बर मदिर, आबूपर्वत के प्रांगण में दिनांक 2 व 3 जून, 1976 को राजस्थान भर के प्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया गया था और उसमें विशेष रूप से श्री केशरियाजी तीर्थ, धुलेवा । जिला उदयपुर। राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम आदि के प्रावधानों तथा राजस्थान जैन संघ, सिरोही के विधान सबंधी प्रस्ताव पारित किये गये थे। प्रन्यासों के रजिस्ट्रेशन बाबत, प्रन्यासों का प्राटोनोमस बोर्ड बनाने, साधु-मुनिराजों के व्यवस्था बाबत, श्री महावीरजी, जिला- संवाई माधोपुर, को जैन श्वेताम्बर तीर्थ घोषित कराने एवं प्राबू तीर्थ पर श्री आदीश्वर भगवान के पितलहरं मैंदिर के बावन जिनालय निर्माण करने के बारे में कमेटी का निर्माण, आदि के प्रस्ताव पारित किये गये थे। उन पारित प्रस्तावों को क्रियान्वित करने के लिये जो सम्भव कदम लिये गये हैं लेकिन जितना चाहिये उतना प्रयास सम्भव नहीं हुआ। राजस्थान जैन संघ की प्रवृत्तियां विविध प्रकार की रही हैं और संघ का प्रयत्न यथासम्भव, जहां-जहां के कार्यकर्ता प्रतिनिधिगण अथवा समाज या संघ जागरूक एवं प्रयत्नशील रहे हैं वहां-वहां सहायता करने में अग्रसर रहा है और उसमें उपलब्धियां भी प्राप्त हुई हैं। ( १२ ) Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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