Book Title: Rajasthan Jain Sangh Sirohi Sankshipta Report
Author(s): Pukhraj Singhi
Publisher: Pukhraj Singhi

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Page 37
________________ प्रस्ताव राजस्थान जैन श्री संघ सम्मेलन को ज्ञात हुआ है कि देश के सर्वोच्च न्यायालय में एक महाशय ने रीट बाबत अल्पवयस्क बालकों को जैन धर्म में साधु व साध्वी के रूप में दीक्षित किया जाता है वह समाज व देश की उन्नति में बाधक है और मानवीय दृष्टिकोण से घातक है इसलिये इस पर रोक लगाने के लिये प्रस्तुत हुई । अतः सम्मेलन यह महसूस करता है कि सुप्रीम कोर्ट में जो उक्त रीट प्रस्तुत हुई है उससे जैन शास्त्रों में उल्लेखित सिद्धान्तों व जैन संस्कृति का अवमूल्यन करने के लिये एक प्रयत्न है जिसका यह सम्मेलन पुरजोर शब्दों में विरोध करता है और यह निर्णय करता है कि उक्त रोट में इस संस्था द्वारा इन्टरवेन्शन किया जाय तथा एक समिति का गठन किया जावे । अध्यक्ष की ओर से, राजस्थान पब्लिक ट्रस्ट एक्ट के चेप्टर 10 को लागू हुए 25 वर्ष हो गये हैं एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जैन मंदिर घोषित करने के निर्णय हुए 14 वर्ष हो जाने के पश्चात् भी राज्य सरकार श्री केशरियाजी जैन श्वेताम्बर मंदिर, धुलेवा की ट्रस्ट की धारा 53 के अन्तर्गत कार्रवाई नहीं कर रही है । ( ३७ ) Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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