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रात्रि बैठक में एक प्रस्ताव पूज्य प्राचार्यदेव श्रीमद् विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराज साहब के संदेश की अनुपालना में पारित किया गया कि सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत रीट याचिका में सम्मेलन द्वारा गठित समिति इन्टरवेन्शन करे और जैन संस्कृति ब शास्त्रीय प्रावधानों पर होने वाले प्रहारों का निवारण निराकरण करने के लिए कार्रवाई करे। दूसरा सत्र रात्रि को 12.00 बजे विसर्जित हुआ।
सम्मेलन की दिनांक 1-6-87 को पहली बैठक सुबह 9.00 बजे शुरू हुई और उसमें सम्मेलन में आये हुए सुझावों का विवरण श्री कालूलाल जी जैन, उदयपुर द्वारा पढ़ा गया और सुझावों पर यह निर्णय हुआ कि जिन विषयों पर सम्मेलन में प्रस्ताव पारित हुए हैं उन पर कार्यकारिणी समिति उचित कार्रवाई करे और अन्य सुझावों पर विचार विनिमय कर उचित कदम उठावे । ___सत्र में राजस्थान जैन संघ की सन् 76 से 87 तक की संक्षिप्त रिपोर्ट पढ़ी गई जिसे सदन ने स्वीकार किया। सत्र में श्री महावीरजी तीथ, चवलेश्वर तीर्थ एवं श्री केशरियाजी तीर्थ के सम्बन्ध में प्रस्ताव पारित किए और विधिवेताओं से निवेदन किया गया कि इस सम्बन्ध में उन्हें वांछित सहयोग प्रदान करें। विशेष रूप से मंदिर, स्थानकों के विषय में प्रबन्ध व्यवस्था के सम्बन्ध में एक समिति का गठन किए जाने बाबत का प्रस्ताव पारित किया। इसी प्रकार पुरातत्व महता के स्थानक, मंदिर, पुरावशेष के बारे में सर्वेक्षण किया जाकर उसका संकलन किये जाने के बारे में भी विचार विनिमय किया।
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