Book Title: Rajasthan Jain Sangh Sirohi Sankshipta Report
Author(s): Pukhraj Singhi
Publisher: Pukhraj Singhi

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Page 34
________________ का स्वागत व समन्वय करके एक निर्णय लिया कि संगठन के विधान में यदि कोई सुधार व संशोधन अपेक्षित हो तो वह किया जाकर इसको व्यापक स्वरूप देने के लिए एक 21 सदस्यों की समिति का गठन किया जावे जो एक वर्ष की समयावधि में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे लेकिन वह समिति वर्तमान में राजस्थान जैन सघ की कार्यकारिणी के तौर पर कार्य करेगी और संस्था की विभिन्न प्रवृत्तियों तथा सम्मेलन द्वारा पारित प्रस्तावों को क्रियान्वित करने की कार्रवाई करेगी और जब तक संगठन का कोई स्वरूप नहीं बनता तब तक सम्मेलन की प्रवृत्तियों एवं वर्तमान विधान यथावत् प्रभावी रहेंगे और उसके अन्तर्गत की गई कार्यवाही मान्य होगी। सम्मेलन में उपस्थित डेलीगेट्स ने अध्यक्ष को अधिकृत किया कि वे सम्मेलन की दूसरी बैठक रात्रि में शुरू होने के पहले इस समिति की कायकारिणी बनाकर घोषित कर दे। इसके साथ ही सम्मेलन का पहला सत्र 5-15 बजे समाप्त हुआ। उसके पश्चात् सम्मेलन की दूसरी बैठक रात्रि के 8.30 बजे शुरू हुई रात्रि के करीब 11.00 बजे तक चली। उक्त सत्र में अध्यक्ष महोदय ने कार्यकारिणी की नामावली घोषित की। उसके साथ-साथ विशेष आमन्त्रित समिति का भी गठन कर उनकी नामावली घोषित की। इस तरह अध्यक्ष महोदय द्वारा घोषित किए गए नामों का उपस्थित प्रतिनिधियों द्वारा स्वागत किया गया। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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