Book Title: Rajasthan Jain Sangh Sirohi Sankshipta Report
Author(s): Pukhraj Singhi
Publisher: Pukhraj Singhi

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Page 26
________________ योगदान रहा है और उनकी निःशुल्क सेवाओं के लिए राजस्थान जैन संघ हार्दिक आभारी है। पेढ़ी के पदाधिकारी ने भी सलाह सूचन एवं सहयोग समय-समय पर देकर संयोजक का उत्साहवर्धन किया है जिसके लिये संघ उनके प्रति अपना हार्दिक आभार प्रकट करता है। ___ जैन संस्कृति के रक्षार्थ, जिन मंदिरों के जीर्णोद्धार, धार्मिक प्रशिक्षण की व्यवस्था आदि कार्यों में श्री नाकोड़ा ट्रस्ट द्वारा जो योगदान दिया जा रहा है उस हेतु संघ इस ट्रस्ट के सदस्यों व अध्यक्ष श्री सुल्तानमल जी जैन के प्रति आभार प्रदर्शित करता है और इस क्षेत्र में और अधिक व्यापक कार्य करने की अपेक्षा करता है। ( २६ ) Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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