Book Title: Rajasthan Jain Sangh Sirohi Sankshipta Report
Author(s): Pukhraj Singhi
Publisher: Pukhraj Singhi

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Page 23
________________ छिछली नदियों की खुदाई कराने तथा अन्य हिंसा विरोधी कार्यक्रमों में भाग लिया एवं सहयोग दिया गया। इसके लिये समयसमय पर केन्द्रीय मंत्रियों एवं मंत्रालयों से व्यवहार किया गया और उससे आशा बंधी तथा विभिन्न कार्यकर्ताओं विशेष रूप से विख्यात चिंतक श्री वेणीशंकर मुरारजौ वासु, बम्बई से सम्पर्क एवं वार्तालाप किया गया तद्नुसार महाराष्ट्र हाईकोर्ट में गौ हत्या के विरुद्ध एक याचिका भी दायर की गई जिसमें महाराष्ट्र एनीमल प्रीजर्वेशन एक्ट के प्रावधानों को चुनौतो दी गई है तथा इस सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट में अपील के तौर पर याचिका प्रस्तुत करने का विचार माह जून, 87 में है। समग्र जैन समाज सवंत्सरी एक ही तिथि को मनावे इस सम्बन्ध में संयोजक ने समाज के बड़े-बड़े आचार्यों एवं विद्वानों तथा संघ के आगेवानों से सम्पर्क किया और इस सम्बन्ध में एक निर्णय लेकर समग्र जैन एकता के लिए प्रयत्न किए। परम पूज्य आचार्यदेव श्री 1008 श्रीमद् विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराज साहब [डहेलावाले प्राचार्यदेव श्री 1008 श्री भेरूप्रभसागर सूरीश्वरजी महाराज साहब तथा अन्य प्राचार्यों से व्यक्तिगत रूप से पत्र-व्यवहार किया किन्तु प्रात्म-प्रतिष्ठा के नाते कोई निराकरण नहीं हो सका। इस सम्बन्ध में श्री किशोरचंद्र एम० वर्धन, बम्बई, श्री जौहरीमलजी पारख, जोधपुर तथा श्री लालचंदजी, छगनलालजी शाह, पिण्डवाड़ा वालों का सराहनीय सहयोग प्राप्त हुआ। ( २३ ) Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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