Book Title: Prakrit Vyakaran Abhyas Uttar Pustak
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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सन्धि-प्रयोग के उदाहरण
(प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ) निम्नलिखित का सन्धि विच्छेद कीजिए और सन्धि का नियम बतलाइये।
पाठ 1-मंगलाचरण लोगुत्तमा = लोग+उत्तमा (लोक में उत्तम)
नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (क) स्वर के बाद स्वर होने पर पूर्व
स्वर का लोप विकल्प से हो जाता है। दिट्ठसयलत्थसारा = दिट्ठसयलअत्थ+सारा (समग्र तत्त्वों के सार जाने गये)
नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (क) स्वर के बाद स्वर होने पर पूर्व
स्वर का लोप विकल्प से हो जाता है। भवियाणुज्जोययरा = भवियाण+उज्जोययरा (संसारी (जीवों) के लिए प्रकाश
को करनेवाले)
नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (क) स्वर के बाद स्वर होने पर पूर्व ... स्वर का लोप विकल्प से हो जाता है। पंचक्खरनिप्पण्णो = पंच+अक्खरनिप्पण्णो (पाँच अक्षरों से निकला हुआ)
नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (क) स्वर के बाद स्वर होने पर पूर्व . स्वर का लोप विकल्प से हो जाता है।
पाठ 2-समणसुत्तं मोहाउरा = मोह+आउरा (मोह से पीड़ित) - नियम 1- समान स्वर सन्धिः (क) अ+आ = आ। तस्सुदयम्मि = तस्स+उदयम्मि (उसके विपाक में)
नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (क) स्वर के बाद स्वर होने पर पूर्व स्वर का लोप विकल्प से हो जाता है।
प्राकृत-व्याकरण अभ्यास उत्तर पुस्तक
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