Book Title: Prakrit Vyakaran Abhyas Uttar Pustak
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 37
________________ पाठ 13-कुम्मे पावसियालगा (पापी सियार) नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) आयरियउवज्झायाणं (आचार्य और उपाध्याय) नियम 1- दंद समास (द्वन्द्व समास) पाठ 14-चिट्ठी बारहंगाणं (बारह अंगों की) नियम 2.2- दिगु समास (द्विगु समास) विज्जा-दाणं (विद्या का दान) नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) सिद्धविज्जा (सिद्ध विद्यावाले) नियम 3- बहुव्वीहि समास (बहुब्रीहि समास) विंसदि-सुत्ताणि (बीस सूत्र) नियम 2.2- दिगु समास (द्विगु समास) 2.8 प्राकृत-व्याकरण अभ्यास उत्तर पुस्तक Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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