Book Title: Prakrit Vyakaran Abhyas Uttar Pustak
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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पढमलिंगं (प्रधान वेश)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) झाणज्झयणो (ध्यान और अध्ययन)
नियम 1- दंद समास (द्वन्द्व समास) करुणाभावसंजुत्ता (करुणाभाव से संयुक्त)
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास) चरित्तखग्गेण (चारित्ररूपी तलवार से)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) विरत्तचित्तो (उदासीन चित्त)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास)
पाठ 6-कार्तिकेयानुप्रेक्षा जल-भरिओ (जल से भरा हुआ)
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास) दुक्ख-सायरे (दुःख के सागर में)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) सुक्ख-दुक्खाणि (सुख और दुःखों को)
नियम 1- दंद समास (द्वन्द्व समास)
पाठ 7-दसरहपवज्जा चरित्तखग्गेण (चारित्ररूपी तलवार से)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) सव्वकलाकुसला (सब कलाओं में कुशल)
नियम 2- सत्तमी विभत्ति तप्पुरिस समास (सप्तमी तत्पुरुष समास) दिक्खाहिलासिणो (दीक्षा के अभिलाषी)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) दुद्धरचरिया (दुर्धर चर्या)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास)
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प्राकृत-व्याकरण अभ्यास उत्तर पुस्तक
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