Book Title: Prakrit Vyakaran Abhyas Uttar Pustak
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 32
________________ मगहाहिवो (मगध का शासक) नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) पभूयधणसंचओ (प्रचुर धन का संग्रह) नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) अच्छिवेयणा (आँखों में पीड़ा) नियम 2-सत्तमी विभत्ति तप्पुरिस समास (सप्तमी तत्पुरुष समास) सत्थकुसला (शास्त्र में योग्य) नियम 2-सत्तमी विभत्ति तप्पुरिस समास (सप्तमी तत्पुरुष समास) पाठ 4-वज्जालग्ग सुयणसहावो (सज्जन का स्वभाव) नियम 2- छठ्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) पाहाणरेहा (पत्थर की रेखा) नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस (षष्ठी तत्पुरुष) सरणागए (शरण में आये हुए) । . नियम 2-सत्तमी विभत्ति तप्पुरिस समास (सप्तमी तत्पुरुष समास) दिणयरवासराण (सूर्य और दिन की) नियम 1- दंद समास (द्वन्द्व समास) थिरारंभा (स्थिर प्रयत्न) नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) घरंगणं (घर का आँगन) .... नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) पाठ 5-अष्टपाहुड विणयसंजुत्तो (विनय से जुड़ा हुआ) नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास) दयाविसुद्धो (दया से शुद्ध किया हुआ) नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास) प्राकृत-व्याकरण अभ्यास उत्तर पुस्तक 23 Jain Education International For Personal & Private Use Only For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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