Book Title: Prakrit Vyakaran Abhyas Uttar Pustak
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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समास प्रयोग के उदाहरण
(प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ)
पाठ 1-मंगलाचरण पंचणमोक्कारो (पंच-नमस्कार)
नियम 2.2- दिगु समास (द्विगु समास) केवलिपण्णत्तो (केवली द्वारा उपदिष्ट)
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास) लोगुत्तमा (लोक में उत्तम)
नियम 2- सत्तमी विभत्ति तप्पुरिस समास (सप्तमी तत्पुरुष समास) आराहणणायगे (आराधना के लिए श्रेष्ठ)
नियम 2- चउत्थी विभत्ति तप्पुरिस समास (चतुर्थी तत्पुरुष समास) अणुवमसोक्खा (अनुपम सुख) . नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) णिट्ठियकज्जा (प्रयोजन पूर्ण किये हुए)
नियम 3- बहुव्वीहि समास (बहुब्रीहि समास) पण?संसारा (संसार नष्ट किया हुआ)
.. नियम 3- बहुव्वीहि समास (बहुब्रीहि समास) दिट्ठसयलत्थसारा (समग्र तत्त्वों के सार जाने गये) ... नियम 3- बहुव्वीहि समास (बहुव्रीहि समास) पंचमहव्वयतुंगा (पाँच महाव्रतों से उन्नत)
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास) ववगयराया (राग दूर किये गये)
नियम 3- बहुव्वीहि समास (बहुब्रीहि समास)
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प्राकृत-व्याकरण अभ्यास उत्तर पुस्तक
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