Book Title: Prakrit Vidya 2001 10
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 5
________________ अनुक्रम क्र. शीर्षक लेखक पृष्ठ सं० पं० आशाधर सूरि-विरचित 4 डॉ० सुदीप जैन 6 आचार्य विद्यानन्द मुनिराज 12 डॉ० ज्योतिप्रसाद जैन (स्व०) पं० बलभद्र जैन 30 प्रो० (डॉ०) राजाराम जैन 39 आचार्य विद्यानन्द मुनिराज 50 आनन्द प्रकाश जैन डॉ० राजेन्द्र कुमार बंसल 58. डॉ० सूर्यकान्त बाली . 64 01. मंगलाचरण : पुरु (वृषभ) देव-गीत 02. सम्पादकीय : ध्वज से दिशाबोध 03. पिच्छि और कमण्डलु 04. भारतवर्ष का एक प्राचीन जैन-विश्वविद्यालय 105. भगवान् महावीर 06. मनीषीप्रवर टोडरमल : प्रमुख शौरसेनी जैनागमों के प्रथम हिन्दी टीकाकार - 07. उत्तम संयम और महाव्रत 08. देवताओं की चिता (कहानी) _09. प्राकृत-ग्रन्थों में जिनलिंगों का स्वरूप 10. दार्शनिक-राजा की परम्परा के प्रवर्तक तीर्थंकर ऋषभदेव 11. केरली-संस्कृति में जैन-योगदान 12. श्री अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वद्परिषद् के 19वें अधिवेशन में । अहिंसा स्थल पर दिनांक 17.11.2001 को पं० प्रकाशचंद शास्त्री हितैषी' का अध्यक्षीय-भाषण 13. आध्यात्मिक गीत (कविता) 14. 'रयणचूडरायचरियं' में वर्णित नगर 15. पुस्तक-समीक्षा 16. अभिमत 17. समाचार-दर्शन 18. इस अंक के लेखक-लेखिकायें राजमल जैन 92 डॉ० महेन्द्र सागर प्रचंडिया डॉ० हुकम चन्द जैन प्राकृतविद्या अक्तूबर-दिसम्बर '2001 003

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