Book Title: Prakrit Pandulipi Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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अष्टपाव
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न्म समय रिवार चिपरिवही ॥ तददिंसणन ||मूलविलठाए सिशंति || २ ||ऊद मूलास्ि
हो || सादापरिवारबऊगुणणे दोइतद जिस पुनलो | लिट्ोिमो रकमग्गस्म|| ११||दंस ऐ सुना । पाएपाडेविदंसणधराणं तदों तिलुनमूट || चोदी पुऽन्नदाते सिं॥१३॥ जे विषडं तिनते सिं । आाताल गा श्वत्तणाति सिंपल चिवो दीपवं मोटामा पाएं। '३॥विद
पिचिती विजो सुसंऊमा दिखाए म्मिक रामु ||सले दंसदों ||१४|स
प्राकृत- पाण्डुलिपि चयनिका
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