Book Title: Prakrit Pandulipi Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 72
________________ शास्त्र भण्डार दिगम्बर जैन तेरहपंथी मन्दिर, दौसा - अधिकांश ग्रन्थ अपभ्रंश एवं हिन्दी के है। अपभ्रंश ग्रन्थों में जिणयत्त चरिउ (लाखू), सुकुमाल चरिउ (श्रीधर), वड्ढमाणकहा (जयमित्तहल), भविसयत्तकहा (धनपाल) एवं महापुराण (पुष्पदंत) के नाम उल्लेखनीय है। उपर्युक्त सामग्री राजस्थान के ग्रन्थ भण्डारों की ग्रन्थ सूची' से संकलित की गई है। प्राकृत-अपभ्रंश की बहुलता के लिए अन्य शास्त्र भण्डार निम्न है: शास्त्र भण्डार जैनविद्या संस्थान, जयपुर; भट्टारकीय शास्त्र भण्डार, नागौर; एवं जिनभद्रसूरि ज्ञान भण्डार, जैसलमेर। इन तीनों का यहाँ परिचय प्रस्तुत किया जा रहा है :शास्व भण्डार जैनविद्या संस्थान, जयपुर - यहाँ अपभ्रंश के बहुत ग्रन्थ संगृहीत हैं। कुछ के नाम इस प्रकार है : महापुराण-पुष्पदंत (संवत् १४६१) अमरसेण चरित्र-माणिक्क (संवत् १५७७) पास पुराण-पद्मकीर्ति (संवत् १४९४) श्रीपाल मैनासुंदर चरिय नरसेन (संवत् १५७९) सुदंसण चरिय-णयणंदि (संवत् १५०४) श्रेणिय चरिउ-जयमित्त हल्ल (संवत् १५८०) जंबू सामि चरित-कविवीर (संवत् १५१६) श्री बाहुबलि देव चरिय-बुह धणवाल (संवत् १५८४) पउमचरिउ-स्वयंभू (संवत् १५४१) प्रद्युम्न चरित्र-कवि सिंह (संवत् १५८६) करकण्ड चरिउ-मुनि कनकामर (संवत् १५६३) सुलोयणा चरिय-गणिदेवसेन (संवत् १५८७) रयणकरण्ड-श्रीचन्द (संवत् १५६३) भविसयत्त चरिय-धणवाल (संवत् १५८८) मयण पराजय-चरिउ-हरिदेव (संवत् १५७६) दोहापाहुड-महयन्दु (संवत् १६०२) प्राकृत-पाण्डुलिपि चयनिका (५९) Jain Education Intematon For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

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