Book Title: Prakrit Pandulipi Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 73
________________ पण्डुपुराण-जसकित्ति (संवत् १६०२) जसहर चरिय-पुष्पदन्त (संवत् १६८७) चन्दप्पह चरिय-जसकित्ति (संवत् १६०३) मृगावती चरित्र-समय सुन्दरगणि (संवत् १६८७) अप्पसंवोह कव्व (संवत् १६०७) वर्द्धमान काव्य-जयमित्त हल्ल (संवत् १८१२) जिणयत्त कहा-लहखू (संवत् १६११) मल्लि चरिउ-जयमित्त हल्ल णायकुमार चरिउ-पुष्पदंत (संवत् १६१२) भविसयत्त चरित-विवुह सिरिहर मेहेसर चरिय-रइधू (संवत् १६१९) परमिट्ठपयाससार-सुदकित्ति धणकुमार चरिय-रइधू (संवत् १६३६) पास-चरित-तेजपाल अपभ्रंश भाषा के अतिरिक्त प्राकृत भाषा की भी यहाँ महत्त्वपूर्ण पाण्डुलिपियाँ है : भगवती आराधना-आचार्य शिवकोटि (संवत् १५१४) मूलाचार (संवत् १७८८) प्रवचनसार-आचार्य कुन्दकुन्द (संवत् १५४७) अष्टपाहुड-आचार्य कुन्दकुन्द (संवत् १८०१) त्रिलोकसार-आचार्य नेमिचन्द्र (संवत् १५६०) जंबूचरित्र (संवत् १८१५) णायाधम्म कहा (संवत् १६००) त्रिलोकसार-आचार्य नेमिचंद (संवत् १८५९) पंचास्तिकाय-आचार्य कुन्दकुन्द (संवत् १६२७) स्वामीकार्तिकेयानुप्रेक्षा-स्वामीकार्तिकेय (संवत् १८६६) तत्त्वसार-देवसेन (संवत् १६२९) कुम्मापुत्त-चरित्तं-माणिक्य सुन्दर (संवत् १८६९) षडावश्यक (संवत् १६७४) द्रव्य संग्रह-आचार्य नेमिचन्द्र (संवत् १९२२) उवएसमाला-धम्मदास गणि (संवत् १७१४) उपदेश-रत्नमाला - पदम जिणसरसूरि प्राकृत-पाण्डुलिपि चयनिका Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

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