Book Title: Prakrit Pandulipi Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

View full book text
Previous | Next

Page 49
________________ तकन्याइविदेशि कन्पानिप्राणवारुपकाकलचिततेनेनुएवो उमरपब्बा । मेवात्रा तकन्न-अक्षावर तन्मयकलहलाकलिअचित्ती तप्पुर गलब मकरतापीकमरनेयोतानवनमी २३ घणाशालनारायणकनारक्षते शार... ...: नेहवल, । धावति साविऊतनियचने सालवमरमनहरी पातलमागेकरीनपातालमलेशइतिहा. सुवामियघटिते अविमोहरदीपलाई। ......ऊमरी .. यहिएापायानमनमा सोपासाकण्यमदी सरनवणम नोडलडेबदन्छु। २४ मनोरखने पद्मरागादिरलमयस्संच त्रासरुटेको विरमणीय श्यातच रिर्स रचरणमय नमूना कतानरचा - रिअनितरपएस मणिमयतोरणधोरण तरुणयहाकिरण प्राकृत-पाण्डुलिपि चयनिका (३६) Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96