Book Title: Prakrit Pandulipi Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 48
________________ 'मान पाठ ९ कुम्मापुत्तचरियं १ लेकीसुप्यानामुनीहबार रवीनप्रमुखीदेवीघाटमदयपत्र - पन्य। नत्तानली नामुषीकल्याणकारी मुरवते जाल पतनिरिणअन्नही नमुहीनामजरिकाहिहामा इनरुपनि नगरमांकितकारी विहीमाहात २० घणमानकन्टनालाल पएकालवेटतेजें गवरुवधराऊमरसमावमिसंपन्नागदहणतकमार - हने एवारा ऊमरनेजाइनर वक्तणीहसविकमरप्रतीबो कमरमानी। ली बजऊमरहालणिकतलि सार्जपहसिक,किमिमेल की काका विस्पएकोही । जोरदापिताहरु बिनभनेक प्रकार किसनेनिरचएनही करमणजस्तावनुवचित विचित्तचितमिञ्चल ग्रतो मुझपळवादीमा वितेकमारएवचनसीनलीनीयल्लिासफोरेवीने २ | हर तामर्शअणुभावसु दयामिएंसुणियसकारण । प्राकृत-पाण्डुलिपि चयनिका (३५) Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

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