Book Title: Prakrit Pandulipi Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 57
________________ बालकापासलाहिंसा हा साकारमणो ए भावरकोधादिकवी वाघमारयो| संपात संयमपस्चिम बलमोव लियानोलाई सु हिंसहसंसमिाहामंकीवseenायचंझालिमकाममायालamil HIROपोरसाअमुरबाहि नातिवारपsamm कदाचित क्रोधनवसई निनोपयश मानणान पारिकमाएपए काम्बोजानाल्लिाका कावारे ! कलषरहित कालणपत्राहिच्किताकाDrms manादवचंकालियंकद्याननिएeasil लाजमा काकि णकाधाम प्रारलियाराविना मा टिकारा . tham . . होमोमनाथ हायोगात्रीपरका कियाइविकालमेक्लिासिरलोकमिनियामालियरसेवकसamlil Haमादेसमिनांदेश. कायदेविमानाति शिगुस्ताम्वरनाशनिकामनाक्चानोलाकाहारा मोजमवाजें नलावली ... तिमानको मधेरो जिप्रक्रबारनोमनायगावविचरा अशुभ पूलमानपुपनाकाम भावैयालति अनुनापसीधावन.. पिछयपुसवकमायायश्चियापसवायलयाकसी। मिक्रोधरहितगतरुनेपछि यस्लेचिवचि माशंकरेंगधिनाशिमा al बोक्रोधीrgकरें।सा शिष्य लेवरहितकानिकरणारा 30वलपतिस्तपणा लानिपिचंपकरतिसीमाविनाण्यालकदरकोवव्यापसायएसपिrelil रूप % 3D प्राकृत-पाण्डुलिपि चयनिका Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

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