Book Title: Prakrit Pandulipi Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 56
________________ omgaeapes पाठ ११ उत्तराध्ययन कंचन विविशाभूवनोग एणीपरमविनातसा. रुपमालाचारनविषप्र ५ मुसांत' होनई बम मकर नताशाचाराचबमानमा पासोनिमात लाने गंशाणाविनुसयशएवंसालंचरताणाम्सालेरममियाmil म भा0 Malinsan - ममसरनोनिवि विविनयनेविषाला बोहिताको हितमा ____ न तमनुष्णालोतानलाई अपोजाना आपा यानावंसाणसास्यरस्सनरस्समाविणवेशाप्पाणावतास्यिमय ६ अधिनयमोषधाम्यात साजनवारोपापामालावानीपुजनापूर निक - वि०किया और जनेवियथा निमोतिनिधिमाशिम : मादी emaiम्हाधिणयमेशासालपमिलनेहायुधयुत्तनियानिall क०किम नारि नतिरेतरउपएमालमतरीक्षायामानाबार्य समा... अबजेपदार्थाम्बाजागा पतवासप्रशााहामु० वा-माशिमाम सराइकादस्वम्योपनाना। मुखशयानापारहित सप्तपरीज सहित सिझम्कानिस्संतेसियामुदायकातिएसयाताणमि foमियादिस्लामतथा नासवतांकनकोपिणमामा संन्तमा मेवश पनि MMEANHAIYAमोतियरेका प्रणदेतानस कोपनारएनलेोधयंतर रिसडानिरमाणिमाणितिसेवजमि) 'शाका प्राकृत-पाण्डुलिपि चयनिका (४३) Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

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