Book Title: Prakrit Pandulipi Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 66
________________ ए. इसमनिपराध समादिक हिंसादिक्षत्रधर्मपन्न वामानमरण करिनmsuriaसतशोवति शविधयतिधमा विचाकीनाकारकरीना दिन मुमुखापुरुनाथको माझासामरणमुपास ५ एवंधामविश्वम्मीदम्पतिधजियाबालेममहंपत्तोरवेनगोषसोयशारा तीतबारपासपतेरो चावासमानिसमा भनिभतिजमाइकएकदाचोएकरमाब शिमरणम्य नाबानाया उमानिनिमार्णधहरुपएहापातिरपा ६ तापकर जामजावभवष्पनशाना सेमरगतंमिावालेसंस्थानमा काममरमरकतेवाकलिमाजिक ए एकाकाम पाहापानिनfrj काममरएकटापली पंमिताभुमालिके मरण नगन हिवासम्ममरण शिनिवमुमनकल्लाका ७ मा एयंकानमरण वालाजमवेश्यास्तोसकामनरायझियाfarmi, माएपिएनशिकारम-गरूममप्रतिक विकारनाममनावमा करिम संयमnादि नवाई एपवासानं मुनालcakarमरणयापएमक लषनाकरवलालपणारहितचि मनालापन मरा शेरेव वासु निमर्नुभैकनीमराणालानोलयात्रामानुपात- मनोमरण मारणंपियुनाराजहामेतमाम्मयांविष्यमनमा धायासंजयाधुसीमा नइ एपंक्तिमरएम. arasएमितमरणास मानिनिधिना. विनासिरामाचारमनीकारिक सर्व निविन विभइ सर्बयनविन ब स्याइ रहवास्विमिसबलामधुनुसयुमही - संमधेसलिमासमुरिनामालागारयाविसमेमालायत्रिको प्राकृत-पाण्डुलिपि चयनिका (५३) Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

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