Book Title: Prakrit Pandulipi Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 52
________________ कमसनवत पाठ १० कुम्मापुत्तचरियं षकस्योतदनंतर उ ऊमरनी एवनवनीएदे लजोरहीतनिःशंकपणखेडाई विषयापा बीसबमा . रतस्सरशिपाचनतरज्ञा लजाइविशतुर्लुजएनाए एवंवित ववनियुक्त यासतोबेजण नवनविधरहनि को यस हाई कुन्निविविसतितजतिआगच्छविध नागस्वरुपसानी कितेक आरजेकानुनोगसईधकोडेसेऊण कन्हौसघातइ वाम देवतजाताना गयुक्त चनहिवाण हिगणिहिंदवासिवासपन्नतेतजहार्दिवनाएगे करे एप्रथम भागनोद रवतात मनुष्यासघातोगकरेएबाजोनोग नोमा दिवाएसधिसवासमागविजारदेवेनामीएगेञ्चीएसविसंवसंमागविज्ञान मनुष्यजेते देवासायसेनोगकरे बाजौनोगमा नोदजाण मजेत मनुष्याणासपिचोग ब्बीएनामएदेवीएसदिसेवासंमागबिजारबवारनॉमएएचवीएस जा-पटात प्राकृत पाण्डुलिपि चयनिका (३९) Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

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