Book Title: Pooja Sangraha Part 1
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Jainoday Buddhisagar Samaj Sanand

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Page 39
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (३४) ( कोइलो पर्वत धुंधलोरे लाल. ए देशी. ) नाव दीपक ते ज्ञान बेरे लाल, नविजन श्र ति सुखकाररे; हुं वारीलाल ॥ मति श्रधावीश जे दबेरे लाल, ऋणसें चालीश तिम धाररे, हुं वारी लाल || जाव दीपक ॥ १ ॥ चन्द वीश जेव श्रु तनारे लोल, पामंतां सुख थायरे; हुं वारी लाल ॥ श्रुत ज्ञानी केवली समोरे बाल, प्रेमे प्रणमो पा यरे. हुं० ॥ जाव० || || अवधि असंख्य प्रकार बेरे लाल, मुख्य जेद षड्धाररे; हुं० ॥ मनः पर्यव भेड़ दो कारे लाल, केवळ एक नदाररे. हुं० ॥ भाव० ॥ ३ ॥ केवलज्ञान प्रत्यक्ष बेरे लाल, तेद श्री सर्व जणायरे; हुं० || तीर्थकर ते गुण वरोरे ला ल, उपदेश दे सुखदायरे हुं० ॥ जाव० ॥ ५॥ ज्ञानसदित किरिया कहीरे लाल, साचो मोक्ष उपायरे; हुं० ।। वस्तु एकांते जे प्रदेरे लाल, नवमां ते जटकायरे. हुं० ॥ जाव ॥ ५ ॥ विनय करो For Private And Personal Use Only

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